हर चीज़ की एक उम्र होती है, और चप्पलें भी इससे अछूती नहीं हैं. बहुत से लोग चप्पलों को तब तक पहनते रहते हैं जब तक वे पूरी तरह टूट न जाएं, लेकिन ऐसा करना आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है — खासकर आपके पैरों, टखनों, घुटनों और रीढ़ पर. आज हम आपको बताएंगे कि चप्पलों की शेल्फ लाइफ क्या होती है और इन्हें कब बदल देना चाहिए.

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कब बदलनी चाहिए आपकी पुरानी चप्पल? देर की तो हो सकता सेहत को नुकसान

कब बदलनी चाहिए आपकी पुरानी चप्पल? देर की तो हो सकता सेहत को नुकसान

चप्पलों की उम्र किन बातों पर निर्भर करती है?

सामान्यतः चप्पलों की उम्र उनके उपयोग, गुणवत्ता और वातावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करती है. फिर भी, कुछ सामान्य नियमों का पालन करना ज़रूरी होता है.

1. नियमित इस्तेमाल वाली चप्पलें (डेली यूज़)

  • शेल्फ लाइफ: 6 से 9 महीने
  • कब बदलें: यदि आप एक ही जोड़ी चप्पल रोज़ाना पहनते हैं (जैसे घर में या बाहर के लिए), तो उन्हें हर 6 से 9 महीने में बदल देना चाहिए.

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2. कभी-कभार इस्तेमाल वाली चप्पलें

  • शेल्फ लाइफ: 1 से 2 साल
  • कब बदलें: यदि चप्पलें केवल कभी-कभार पहनी जाती हैं (जैसे सफर में या गर्मियों में), तो वे 1–2 साल तक चल सकती हैं. लेकिन हर बार उपयोग से पहले जांचें कि सोल टूटी हुई तो नहीं है.

3. चप्पलें बदलने के संकेत

  • सोल घिस जाना या चपटा हो जाना
  • कुशनिंग खत्म हो जाना (पैरों को आराम न मिलना)
  • चप्पल से बदबू आना या फंगल संक्रमण होना
  • पट्टियां ढीली होना या टूटना
  • चलते समय बैलेंस बिगड़ना या पैर मुड़ना

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4. पुरानी चप्पलें पहनने से होने वाले नुकसान

  • एड़ी में दर्द (Heel pain)
  • Plantar Fasciitis (पैरों के तलवे में तेज दर्द)
  • पीठ और कमर दर्द
  • घुटनों और टखनों पर अतिरिक्त दबाव
  • चाल में गड़बड़ी और गिरने का खतरा

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