सितंबर का महीना कई त्योहारों की रौनक लेकर आता है, लेकिन मुस्लिम समुदाय के लिए इसकी सबसे अहम तारीख है. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी. यह दिन पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश की याद में मनाया जाता है. इस बार भारत में यह पर्व 5 सितंबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा.

ईद-ए-मिलाद-उ-नबी, जिसे मिलाद-उन-नबी या मौलिद भी कहा जाता है, इस्लामी पंचांग के रबी’ अल-अव्वल महीने की 12वीं तारीख को आता है. सुन्नी मुसलमान इसे 12 रबी’ उल-अव्वल को और शिया समुदाय 12-17 रबी’ उल-अव्वल को यानि 5 दिन मनाते हैं, जिसे हफ्ता-ए-वहदत कहा जाता है. भारत में इस साल 5 सितंबर को इसे लेकर सरकारी और बैंक अवकाश भी रहेगा.
इस दिन मस्जिदों और दरगाहों में विशेष सजावट होती है. जगह-जगह जुलूस निकाले जाते हैं और कुरान की तिलावत की जाती है. लोग एक-दूसरे से मिलकर पैगंबर की शिक्षाओं को याद करते हैं और गरीबों की मदद करने को सबसे बड़ा पुण्य मानते हैं. कई शहरों में दान, सामूहिक भोज और सामाजिक सेवा कार्यक्रम आयोजित होते हैं. पैगंबर मोहम्मद ने हमेशा इंसानियत, भाईचारे और समानता का संदेश दिया. यही वजह है कि ईद-ए-मिलाद को सिर्फ धार्मिक पर्व न मानकर सामाजिक मेल-मिलाप और मानवता का उत्सव भी माना जाता है.
हालांकि इसकी तारीख चाँद दिखने पर तय होती है, लेकिन भारत समेत कई देशों में यह 4 सितंबर की शाम से शुरू होकर 5 सितंबर की शाम तक मनाया जाएगा. कुछ जगहों पर यह 6 सितंबर तक भी बढ़ सकता है.
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