पौष अमावसा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह दिन पितरों को तर्पण देने का दिन है. इस दिन दान किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन पूजा और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है. पौष अमावसा को पौष अमास भी कहते हैं. अमास पितृ दोष दूर करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इस दिन पितरों को प्रसाद अर्पित करने से पितृ पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
कौन सा योग उत्पन्न होता है ?
पंचांग के अनुसार पौष अमास 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 1 मिनट बजे शुरू होगा और 31 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 56 मिनट बजे समाप्त होगा. उदय तिथि के अनुसार 30 दिसंबर को ही अमास मनाई जाएगी. इस दिन सोमवार पड़ने से वृद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. उस दिन वृद्धि योग सुबह से रात 8 बजकर 32 मिनट तक है. वृद्धि योग शुभ योगों में से एक है. इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे उसमें आपको सफलता मिलेगी और उसका फल भी बढ़ेगा.
पौष अमास पर क्या करें
इस दिन सुबह जल्दी उठकर नदी या घर में भी गंगा जल डालकर स्नान करें.
भगवान विष्णु और शिव की मूर्ति स्थापित करें और उनकी पूजा करें.
ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें.
पौष अमावस्या का महत्व
पौष अमास को शुभ समय माना जाता है. नए काम की शुरुआत और शुभ कार्य करने के लिए यह दिन अच्छा होता है लेकिन इस बार खरमास होने के कारण शुभ समय नहीं बन पा रहा है. पौष अमावस्या के दिन ये उपाय करके आप अपने पितरों की कृपा पा सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं.
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