भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला मूर्तिकार, वास्तुकार और इंजीनियर कहा जाता है। विश्वकर्मा ने भगवान कृष्ण की पवित्र नगरी द्वारका का भी निर्माण किया था। भगवान विश्वकर्मा ने देवी-देवताओं के लिए विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों का भी निर्माण किया। आइए जानते हैं सितंबर माह में कब और किस दिन मनाई जाएगी विश्वकर्मा जयंती। विश्व के रचयिता भगवान विश्वकर्मा की जयंती 17 सितंबर को मनाई जाएगी। ब्रह्माण्ड के निर्माता और प्रथम वास्तुकार के रूप में विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार भगवान ब्रह्मा के आदेश पर ही विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना की थी।
पूजा विधि
सबसे पहले नहा लें और साफ कपड़े पहन लें।
पूजा सामग्री में हल्दी, अक्षत, फूल, सुपारी, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, दीपक और रक्षासूत्र शामिल हैं।
विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पूजा घर में लोहे के यंत्र या लोहे से बनी वस्तुएं शामिल करें।
पूजा की जाने वाली हर चीज पर हल्दी और चावल की भूसी लगाएं।
इसके बाद पूजा में रखे कलश पर हल्दी का तिलक लगाएं और उसे रक्षा सूत्र से बांधें।
फिर इन मंत्रों (‘ओम आधार शक्तपे नम: और ओम कुमाय’) का जाप करके पूजा शुरू करें।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का पहला इंजीनियर कहा जाता है। मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन घर, दुकान या फैक्ट्री में लोहे की वस्तुओं की पूजा की जाती है. भगवान विश्वकर्मा की कृपा से ये मशीनें आसानी से खराब नहीं होतीं। कार्य में प्रगति के साथ-साथ भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद भी मिलता है। भारत में कई जगहों पर विश्वकर्मा पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।
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