कांकेर। इस साल लगता है इंद्र देव कुछ रुठे-रुठे से हैं छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में अभी से सूखे के हालात बन रहे हैं। आदिवासी बहुल जिला कांकेर में भी किसान बारिश नहीं होने की वजह से परेशान हैं, बस्तर में इंद्र देव को सोनकुंवर देव भी कहा जाता है।
आदिवासी बारिश के लिए अपने कुंवर देव को मनाने की कवायद में जुट गए हैं। उनकी मान्यता है कि कुंवर देव की पूजा-पाठ करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं और उसके बाद अच्छी बारिश होती है। जिससे खेत-खलिहान सब लहलहाने लगते हैं।
कांकेर जिले के भावगीर नवागांव में सोनकुंवर देव का मंदिर स्थित है। अपनी इसी मान्यता के चलते 52 गांवों के समाज प्रमुख सोनकुंवर देव के मंदिर में इकट्ठे हुए और देव को भाजी नेग अदा कर उनकी विशेष पूजा पाठ कर उनसे अच्छी बारिश का आशीर्वाद लिया।
भाजी नेग के तहत देव को भाजी का भोग लगाया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार बस्तर में यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है और ग्रामीण हर साल इसी परंपरा को निभाते आ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार पूजा में बस्तर राज-घराने के सदस्य भी सम्मिलित होते हैं।