कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में इन दिनों नाबालिग अपराध के दलदल में फंसते जा रहे हैं। आलम ये है कि बीते 6 महीने में ग्वालियर चंबल अंचल में 10 बड़े हत्याकांड, गैंगरेप, लूट मामले के आरोपियों में नाबालिग ही शामिल रहे हैं। गैंगरेप, लूट और डकैती जैसे संगीन वारदातों में भी नाबालिग आरोपियों की भूमिका सामने आई है।

नाबालिग अपराधियों से जुड़ी वारदातों की केस पर गौर करे तो -15 दिसंबर को छात्र इमरान हत्याकांड में 4 आरोपी नाबालिग निकले। 23 नवंबर को माधोगंज इलाके में 15 साल की नाबालिग से रेप के मामले में उसकी नाबालिग चचेरी बहन को भी आरोपी बनाया गया है। 21 नवंबर को नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना में मुरैना के 2 नाबालिग आरोपी थे। 29 अक्टूबर को भिंड में 16 साल के नाबालिग ने 14 साल की रिश्तेदार के साथ रेप किया है। 02 अक्टूबर को पुलिस ने सेक्स रैकेट पकड़ा इसमें नाबालिग लड़के लड़की पाए गए। 13 सितंबर को मुरैना में 2 लड़कियों से रेप के मामले में 2 नाबालिग सहित 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए। 6 जुलाई को मुरैना में 17 साल के आरोपी ने पांच साल की बच्ची से रेप जैसे घिनौनी हरकत का अंजाम दिया था।

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नाबालिगों के अपराध में दलदल के उतरने के पीछे कई वजह सामने आ रही है। नाबालिग अपना रुतबा दिखाने और सोशल मीडिया पर सुर्खियां पाने के लिए आपराधिक वारदातों में शामिल हो रहे हैं। वहीं कई नाबालिग नशे की गिरफ्त में आकर लूट, रेप आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ग्वालियर चंबल अंचल में नाबालिगों के लिए हथियार रखना और अपराध के रास्ते पर चलना एक टशन बन गया है। सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस अधिकारी मानते हैं कि नाबालिगों को अपराध में जाने से रोकने के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी परिवार की है। परिवार की देखरेख का अभाव और गलत संगत के चलते नाबालिग अपराध के रास्ते पर उतर रहे हैं लिहाजा इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना जरूरी है।

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