सुशील सलाम, कांकेर. जिले में फूड इंस्पेक्टर ने अपने लाख रुपए के मोबाइल को जलाशय के स्पिलवे में बने टैंक से निकालने के लिए लाखों लीटर पानी खाली कर डाला. वहीं जिस जगह से यह पानी खाली किया गया वहां से एक किलोमीटर दूर आज भी लोग पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे.
कांकेर जिले के परलकोट जलाशय में पिकनिक मनाने गए एक फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल जलाशय के स्पिलवे में बने टैंक में गिर गया. फिर क्या था अधिकारी ने उस एक लाख रुपए के मोबाइल को निकालने डीजल पंप लगाकर पानी बाहर निकलवाना शुरू किया. 3 से 4 दिन लगातार पानी व्यर्थ बाहर निकालने के बाद अधिकारी का मोबाइल बंद हालात में मिला. गर्मी के दिन में जहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं वहीं 41 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया गया. इस मामले में फूड इंस्पेक्टर तो सस्पेंड हो गया पर इस जलाशय से कुछ दूरी पर पानी के लिए जद्दोजहद की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो आपको सन्न करके रख देगी.
चार महीने से बंद पड़ा है नल
जिस जगह पर फूड इंस्पेक्टर साहब ने अपना महंगा मोबाइल फोन पाने की चाह में 41 लाख लीटर पानी व्यर्थ बर्बाद किया, वहां से महज 1 किलोमीटर दूर बसे गांव बोगानभोड़िया के ग्रामीण झिरिया के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. कोयलीबेड़ा ब्लॉक के बोगानभोड़िया गांव में लगभग 20 से 25 परिवार निवास करते हैं, जिनकी संख्या लगभग 90 के आसपास होगी. गांव में एकमात्र नल था, जो 4 महीने से खराब है. ग्रामीणों ने सरपंच के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया पर सुधार नहीं हुआ. इसके चलते मजबूरन झिरिया का गंदा पानी एक सहारा बना है.
गंदा पानी पीकर बीमार हो रहे ग्रामीण
आपको बता दें कि सभी ग्रामीण सुबह अपने घरों से बर्तन लेकर कुछ दूरी पर स्थित झिरिया में पानी लेने पहुंचते हैं. वह इस गंदे पानी का उपयोग अपने दैनिक दिनचर्या में लाते हैं. जिस गंदे पानी में मेढ़क- मछली तैर रहे हो पानी से बदबू आ रही हो, जिससे आप मुंह भी धोना पसंद नहीं करेंगे उसे यह पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं. आसपास की गंदगी बताती है कि यह किसी बीमारी के गढ़ से कम नहीं हैं. ग्रामीण बताते हैं कि पानी को पीकर बड़े और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं पर इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.
अफसर का मोबाइल निकालने बहाए थे लाखों लीटर पानी
अब सवाल यह उठता है कि अंदरूनी इलाकों में कार्यरत कर्मचारी किस तरह लापरवाही कर लोगों को योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं. जिन्हें पीने के लिए साफ पानी भी नसीब नहीं हो रहा है और एक अधिकारी अपने अफसरशाही रुतबा दिखाते हुए महंगे फोन के लिए लाखों लीटर पानी बर्बाद कर देता है. ग्रामीणों की यह तस्वीर शासन की नाकामी को दर्शाती है. अब देखना होगा कि पानी बर्बाद करने वाले पर तो कार्यवाही हो गई पर क्या इन बेबस ग्रामीणों को साफ पानी मिल पाएगा.
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