जब भी कभी घूमने का मन होता हैं, तो अधिकतर लोग हिल स्टेशन जाना ज्यादा पसंद करते हैं. पहाड़ों और वादियों में घूमने का अपना अलग ही मजा हैं, और अगर खुद ड्राइव करके जाते हैं, तो फिर क्या ही कहनें. लेकिन खुद ड्राइव करने के दौरान गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती हैं. आपकी छोटी सी लापरवाही भी गंभीर हादसे का कारण बन सकती हैं. पहाड़ों पर ड्राइविंग भी करनी होगी और इसके लिए आपको कुछ खास तैयारियां करनी होंगी क्योंकि समतल की अपेक्षा पहाड़ों पर ड्राइविंग ज्यादा मुश्किल होती है.
ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पहाड़ों पर ड्राइविंग करते समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए ताकि आपकी यात्रा बिना किसी परेशानी के मंगलमय संपन्न हो. आइए जानते हैं इन टिप्स के बारे में. Read More – बच्चों को इस तरह सीखाएं किचन के ये छोटे-छोटे काम, साथ ही बनाएं उन्हें सेल्फ डिपेंडेंट …
ना करें ओवरटेकिंग
पहाड़ों पर कार चलाते समय कभी भी बड़े वाहनों को ओवरटेक नहीं करनी चाहिए. पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया जाता है इसलिए पहाड़ों में रोड मैदानी इलाकों के मुकाबले ज्यादा चौड़ी नहीं होती. जगह भी कम होती है और अगर आप किसी बड़े वाहन को ओवरटेक करते हैं, तो संभव है कि आपकी कार को ज्यादा जगह ना मिले.
ओवर लोडिंग से बचें
पहाड़ों पर ड्राइविंग के दौरान हमेशा एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि कार में ओवर लोडिंग न करें, क्योंकि ये बड़ा ही खतरनाक साबित हो सकता है. साथ ही बहुत ज्यादा लोग एक कार में न बैठें, जितनी कैपिसिटी है, उतने ही लोग बैठने चाहिए, उसमें एक एक्स्ट्रा कर सकते हैं, मगर उससे ज्यादा नहीं.
हमेशा अपनी साइड पर चलें
पहाड़ में सुरक्षित तरीके से कार चलाने का एक और नियम है जिसके मुताबिक कार को हमेशा अपनी लेन में ही चलाना चाहिए. अगर आप मैदानी सड़कों की ही तरह पहाड़ पर भी दूसरी लेन में चलने की सोच रहे हैं तो ऐसा मत कीजिएगा. सीधा कारण है कि अगर पहाड़ में आप विपरीत दिशा से आने वाली कारों की लेन में ड्राइव कर रहे हैं और तभी सामने से कोई कार आ जाए तो आप अपनी लेन में कार नहीं ला पाएंगे और हादसा होने का खतरा बढ़ जाएगा. Read More – आंखों का ध्यान रखने और तेज रौशनी के लिए दिनचर्या में शामिल करें ये एक्सरसाइज, स्वस्थ रहेंगी आंखे …
नियंत्रण में हो आपकी स्पीड
पहाड़ पर कभी भी ज्यादा तेज कार नहीं चलानी चाहिए. इसका सीधा कारण है कि मैदानी इलाकों में ड्राइविंग करना आसान होता है लेकिन पहाड़ पर तेज स्पीड में कार चलाने के बाद अगर अचानक रोड घूम जाए, तो कार को कंट्रोल करना मुश्किल होता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि अगर आप मैदानी इलाके में रहते हैं और पहाड़ पर घूमने जा रहे हैं तो कभी भी कार को तेज स्पीड में ना चलाएं.
ब्रेक और गियर का सही वक्त पर इस्तेमाल
ऐसा नहीं है कि पहाड़ी इलाकों में कार चलाने के लिए एक खास ट्रेनिंग की जरूरत है. लेकिन यह भी सही बात है कि पहाड़ पर एक छोटी सी गलती आपको बड़े जोखिम में डाल सकती है. इसलिए ड्राइविंग के वक्त आपको गियर और ब्रेक के इस्तेमाल की सही जानकारी होना आवश्यक है. पहाड़ी इलाके के रास्ते खड़े ढलान और खतरनाक मोड़ो से भरे होते है. इसीलिए खड़ी ढलान पर चढ़ते या नीचे उतरते समय ब्रेक का उपयोग कम करें और दूसरे या तीसरे गियर का इस्तेमाल करें. ढलान से उतरते वक्त कभी-भी एक दम से ब्रेक न लगाएं ऐसा करने से पीछे वाली गाड़ी आपकी कार को टक्कर मार सकती है और दुर्घटना घट सकती है.
कार का निरीक्षण और सर्वसिंग
पहाड़ी इलाकों के माध्यम से अपनी यात्रा शुरू करने से पहले अपनी कार का मेकनिक द्वारा निरीक्षण बहुत जरूरी है और कार के महत्वपूर्ण पार्ट्स जैसे टायर्स, बैटरी, इंजन, लाइट, इंडीकेटर, हॉर्न को चेक करवाए और सुनिश्चित करें की पार्ट्स सही तरीके से काम कर रहे हो. पहाड़ों में ड्राइविंग करना आपकी कार के पार्ट्स पर अतिरिक्त तनाव डालती है, इसीलिए यात्रा शुरू करने से पहले आपकी कार का निरीक्षण और कार की सर्वसिंग किया जाना अनिवार्य है.
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