सुरेंद्र जैन, धरसींवा। रायपुर जिले के तिल्दा रेलवे स्टेशन पर एक दिल दहलाने वाली घटना में मां और उसके शिशु को मौत के मुंह से बाहर निकालने का साहसिक कार्य प्रधान आरक्षक ने किया. यह घटना तब हुई जब एक महिला यात्री अपने बच्चे को सीने से लगाए ट्रेन से उतरने का प्रयास कर रही थी, उसी दौरान ट्रेन अचानक आगे बढ़ गई. पैर फिसलने के कारण महिला ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच फंस गई. इस दौरान महिला को अपने शिशु को छाती से चिपकाए हुए मौत सामने दिखने लगी.

महिला यात्री का नाम ईना यादव (25 वर्ष) है, जो अपने शिशु के इलाज के बाद रायपुर से गाड़ी संख्या 12856 इतवारी बिलासपुर एक्सप्रेस से तिल्दा पहुंची थीं. ट्रेन के बढ़ते ही ईना का पैर फिसलकर प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंस गया, और ट्रेन की रफ्तार बढ़ने के साथ ईना के लिए स्थिति और गंभीर होती जा रही थी.

ऐसे समय में ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक आर.पी. जांगड़े ने तुरंत साहस दिखाते हुए महिला को आवाज दी, “घबराना मत, न हिलना, मैं ट्रेन रुकवाता हूं.” उनकी इस आवाज ने महिला का हौसला बढ़ाया और फिर उन्होंने यात्रियों को ट्रेन की चेन खींचने की अपील की. कुछ ही क्षणों में ट्रेन रुक गई और प्रधान आरक्षक जांगड़े ने महिला और उसके शिशु को सुरक्षित बाहर निकाला. इस घटनाक्रम को देखकर प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोग भावुक हो गए और सभी ने प्रधान आरक्षक के इस साहसिक कार्य की सराहना की.