सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) की टीम ने प्रदेश को क्षय रोग (Tuberculosis) मुक्त करने की दिशा में किए जा रहे कुछ कार्यों की सराहना की तो कुछ कार्यों में समीक्षा की जरूरत बताई. कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट में मितानिनों के काम की सराहना की गई है, वहीं महीने-15 दिन में कार्यों की समीक्षा का सुझाव दिया है.
कलेक्टर भारतीय दासन ने बताया कि डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय टीम के साथ चर्चा हुई. जिले में क्षय रोग से जुड़ी योजना और लोगों में जागरूकता को लेकर टीम ने सराहना की, तो वहीं कुछ खामी भी बताई, जिसमें सुधार का सुझाव दिया. परीक्षण के लिए कुछ मशीनों की कमी बताई गई, जिसके लिए आदेश कर दिया गया है. वहीं टीबी के लिए संचालित मिशन को सिर्फ एक रूप में ना चलाकर क्लब करके चलाने की सलाह दी गई है.
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि WHO की टीम द्वारा दिए गए सुझाव का पालन किया जाएगा, और जो तत्कालिक हो सकता था, उसके लिए आदेशित कर दिया गया है. डब्लूएचओ की टीम यहां के काम से काफी खुश दिखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी मुक्त भारत करने के लिए वर्ष 2025 के लिए टारगेट रखा है, लेकिन प्रदेश सरकार ने 2023 का लक्ष्य बनाकर चल रही है. काम में पहले से तेजी है, इसमें हमसे जो चूक हो रही है, उनके सुझाव के बाद जल्द सुधार किया जाएगा.
डॉ. बघेल ने बताया कि हमारे यहां मरीजों की जितनी संख्या है, उसके हिसाब से सीबीनाट मशीन कम है, जिसकी खरीदी करने के लिए कलेक्टर ने आदेश कर दिया है. टीबी रजिस्ट्रेशन केस में हम थोड़ा सफल हो रहे हैं. कैसे इलाज करना है, उसके तरीके पता हैं. उसके हिसाब से काम किया जाएगा. सुझाव के मुताबिक शहरी स्लम एरिया में कैम्प लगाया जाएगा. वहीं डब्ल्यूएचओ की टीम ने एचआईवी (HIV) के लिए शाबाशी दी है कि यहां मरीज हंड्रेड परसेंट इलाज ले रहे हैं.