राजनांदगांव। पुलिस के ऊपर कई तरह के आरोप लगते रहते हैं खास तौर पर नक्सल मोर्चे में तैनात पुलिस कर्मियों के ऊपर. लेकिन राजनांदगांव पुलिस ने एक ऐसे नक्सली की शादी कराई है जिसने कभी पुलिस के खिलाफ ही हथियार उठाया था. हम बात कर रहे हैं नक्सल संगठन पल्लेमाढी एलओएस की सदस्य सावित्री (उर्फ रेशमा) की शादी स्थानीय गायत्री मंदिर में एडीशनल एसपी नक्सल सेल की उपस्थिति में शादी हुई. दोनों ने सारी उम्र साथ निभाने का वादा करते हुए शादी के बंधन में बंध गए.

कांकेर जिले के दुर्गकोंदल थाना के ग्राम तमोडा में सन 2012 में नक्सलियो ने 12 साल की उम्र में सवित्री उर्फ रेशमा को जबरन अगवा करके उसके हाथों में बंदूक थमा कर नक्सली बना दिया.  सावित्रि पल्लेमाडी दलम में नक्सली सदस्य के रूप में दो वर्ष तक सक्रिय सदस्य के रूप में रही.  लेकिन इस दौरान राजनांदगांव पुलिस और आईटीबीपी की कार्यवाही और छत्तीसगढ शासन की नक्सल उन्मूलन अभियान से प्रभावित होकर सन 2014 में 14 वर्ष की उम्र में आत्मसमर्पण कर दिाय.

जिसके बाद जिला राजनांदगांव पुलिस ने सवित्री उर्फ रेशमा की शिक्षा और दीक्षा का बीडा उठाया. उसे पढ़ाया लिखाया और जब वही सावित्री बालिग हो गई तो आज उसी के समाज के एक लडके से शादी का बीडा भी उठाया.

गायत्री परिवार के तत्वावधान में राजनांदगांव पुलिस ने पूरे विधि-विधान से गढचिरौलि जिले के ग्राम कोडरी के रहने वाले जोहन से शादी करा दी. पूरे विधि-विधान से गायत्री मंदिर में शादी संपन्न हुई. राजनांदगांव पुलिस सहित समाजिक संस्थाओं से जुड़ी ममता बुध्धन ने सवित्री उर्फ रेशमा का कन्यादान किया वहीं इस शादी के सूत्र-धार दूल्हा जोहन के जीजा थे जो खुद रायपुर जिले में एक आरक्षक के पद पर कार्यरत हैं.

देखिए वीडियो

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=HOD46bgb1yY[/embedyt]