रायपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अकबर ने मांग की है कि सरकार मोबाइल फोन जरुर दे लेकिन उससे पहले किसानों को 5760 करोड़ बकाया बोनस और वायदे के मुताबिक समर्थन मूल्य का अंतर 18919 करोड़ रुपये मिलाकर 24679 करोड़ रुपये दे दे, जो सरकार पर किसानों का कर्ज है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने करीब 55 लाख 60 हज़ार स्मार्टफोन बांटने की अधिसूचना जारी कर दी है. लेकिन ये स्मार्ट फोन बांटने का आधार क्या होगा. इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अकबर ने सवाल उठाए हैं. अकबर ने कहा है कि सरकार ने कहा है कि अलग-अलग चरणों में सभी परिवारों को स्मार्ट फोन देगी. लेकिन ये परिवार हैं कितने.
2011 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश में 56 लाख 50 हज़ार परिवार हैं. जबकि सरकार केवल 55 लाख 60 हज़ार परिवारों को स्मार्ट फोन देने की योजना बनाई है. जिसमें से 5 लाख 10 हज़ार फोन छात्रों को और 50 लाख 50 हजार परिवारों को दिया जाएगा. तो अगर इस आधार पर सरकार ने स्मार्ट फोन बांटे तो 5 लाख कौन से परिवार होंगे जिन्हें स्मार्ट फोन नहीं दिया जाएगा.
अकबर ने कहा कि अगर सरकार ने राशन कार्ड के आधार पर फोन बांटे तो प्रदेश में 58 लाख 65 हज़ार गरीब परिवारों के राशन कार्ड हैं. तो ऐसी स्थिति में करीब 8 लाख गरीब बच जाते हैं जिन्हें स्मार्ट फोन नहीं मिलेगा तो ये परिवार कौन हैं.
मोहम्मद अकबर ने आरोप लगाया कि ये बात खुद सरकार के मुखिया डॉक्टर रमन सिंह को भी नहीं मालूम की प्रदेश में कितने परिवार हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब केंद्र ने सब्सिडी सीधे खातों में देने की बात की थी लेकिन इसके विरुद्ध विधानसभा में संकल्प पारित किया गया था कि राज्य में सभी जगह बैंक और पोस्ट ऑफिस नहीं हैं. अब सरकार बता रही है कि स्मार्ट फोन देने की वजह ये है कि बैकिंग का फायदा उठा पाएंगे. ऐसे में ये समझ से परे है कि जब राज्य में सभी जगह बैंक और डाकघर ही नहीं है तो उसका फायदा कैसे जनता उठाएगी. क्योंकि वो बैंक और डाकघऱ का इस्तेमाल ही नहीं करते.