हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर गतिविधियाँ तेज हो रही हैं, और कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अटकलें बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में कांग्रेस ने एक घोषणा की, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएँ और तेज हो गईं. कांग्रेस ने कहा है कि हरियाणा में कोई भी सांसद मुख्यमंत्री पद के लिए दावा कर सकता है, बशर्ते उसके पास नवनिर्वाचित विधायकों का समर्थन हो.

हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने गुरुवार को यह बयान दिया. इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि किसी भी सांसद को विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

हरियाणा में कांग्रेस के संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवारों के रूप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा के नाम चर्चा में हैं. इनमें से दीपेंद्र हुड्डा, सुरजेवाला और सैलजा वर्तमान में सांसद हैं, और दीपेंद्र हुड्डा का नाम इस सूची में सबसे आगे माना जा रहा है.

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कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद जब बाबरिया से पूछा गया कि क्या सांसदों के लिए मुख्यमंत्री बनने के रास्ते खुले हैं, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी सदस्य जो विधायक दल और कांग्रेस आलाकमान का समर्थन प्राप्त कर सकता है, वह मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकता है.

 कुछ दिन पहले, कांग्रेस महासचिव और लोकसभा सदस्य कुमारी सैलजा ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी और कहा था कि वह राज्य में काम करना चाहती हैं. हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा था कि अंतिम निर्णय कांग्रेस आलाकमान को लेना है.

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 इस बीच, हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख में भी बदलाव किया गया है. निर्वाचन आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख एक अक्टूबर से बढ़ाकर पांच अक्टूबर कर दी गई है. यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के एक पुराने त्योहार को ध्यान में रखते हुए लिया गया. साथ ही, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतगणना अब चार अक्टूबर के बजाय आठ अक्टूबर को होगी.