राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में विजयपुर से बीजेपी प्रत्याशी रहे वन मंत्री रामनिवास रावत की हार के साथ ही इस प्रमुख विभाग पर नेताओं की नजरें गढ़ गई हैं। रामनिवास रावत का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन वनों पर राज करने के लिए वर्तमान मंत्रियों के साथ पूर्व मंत्री भी लालायित हैं। अब सवाल यह है कि वन जैसा अहम विभाग देकर किसी मंत्री का कद बढ़ाया जाएगा या फिर मंत्रिमंडल विस्तार होगा। या फिर रामनिवास रावत को छह महीने का कार्यकाल पूरा होने तक राहत मिलेगी और नहीं मिली तो क्या सीएम वन विभाग अपने पास रखने वाले हैं।

वन मंत्री राम निवास रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूबे के मुखिया सीएम डॉ मोहन यादव अभी विदेश दौरे पर हैं। ऐसे में इस्तीफा को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। सीएम यदि इस्तीफा नामंजूर करते हैं तो छह महीने की समयसीमा के तहत रावत जनवरी 2025 के पहले सप्ताह तक मंत्री पद पर रह सकते हैं, लेकिन इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं। अब बात करें इस्तीफा के बाद की तो सीएम या तो अपने पास विभाग रख सकते हैं या फिर मौजूदा मंत्रियों में से किसी मंत्री को वन विभाग सौंप सकते हैं।

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रेस में ये नाम आगे

इस दावेदारी में अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान का नाम सबसे आगे देखा जा रहा है, क्यों कि राम निवास रावत के मंत्री बनने पर नागर से ही वन विभाग लेकर रावत को सौंपा गया था। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर के नाम के चर्चे भी जोरों पर हैं। इधर, मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और संजय पाठक ने भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। वन विभाग को लेकर पूरी कवायद की स्थिति मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

कांग्रेस बोली- जिसे निपटाना होग उसे बना दिया जाएगा वन मंत्री

कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा है कि वन मंत्री नैपत्य में चले गए हैं। पुराने मंत्री से भी वन विभाग छिन गया था। अब जिसे निपटाना होगा उसे वनमंत्री बना दिया जाएगा, क्योंकि वन विभाग के मंत्री स्थिर नहीं रह पा रहे, वैंसे भी यह बीजेपी का आंतरिक मामला है।

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बीजेपी ने कही ये बात

वहीं बीजेपी प्रवक्ता शिवम शुक्ला का कहना है कि जब तक इस्तीफा स्वीकृत नहीं होता तब तक रामनिवास रावत ही वन मंत्री का कार्यभार संभालेंगे। मंत्रिमंडल का विशेषाधिकारी सीएम डॉ मोहन यादव के पास है। मुख्यमंत्री विदेश यात्रा पर हैं, यात्रा से लौटने के बाद वे निर्णय लेंगे। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता ने कहा कि वन मंत्री रामनिवास रावत ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अभी इस्तीफा स्वीकृत नहीं हुआ है। छह महीने की समयसीमा के अनुसार अभी रामनिवास रावत के पास समय है। फैसला अब मुख्यमंत्री को लेना है।

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