अयजारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले में धरती पुत्र कहे जाने वाले किसानों ने खेती कर मेहनत तो की, लेकिन उस पर पानी फिर गया। किसानों ने एक नामी प्राइवेट बीज निर्माता कंपनी से बीज खरीदा था, फसल लगाने के बाद अब जब फसल काटने की बारी आई तो धान में बलिया तो आई है लेकिन फसल नहीं है। जिससे सैकड़ों किसानों की कई एक फसल नुकसान हो गई है।

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शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर के खन्नाद, बोडरी सहित आसपास के गांव के सैकड़ों किसानों ने कई एकड़ भूमि में कृषि के लिए कर्ज लेकर एक नामी प्राइवेट बीज निर्माता कंपनी से बीज खरीद कर धान लगाया था। अब जब किसानों की मेहनत का फल फसल काटने की बारी आई तो देखा की फसल ही तैयार नहीं है। धान के पौध तो तैयार हैं लेकिन उसमे फसल नहीं है। धान की बालियों में धान ही नहीं है।

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कई एक भूमि में लगाई गई धान की फसल बर्बाद हो गई। सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। किसानों ने ऋण लिया हुआ है और इस तरह फसल के बर्बाद होने के कारण किसानों पर कर्ज का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि किसानों के इस नुक्सान की भरपाई कराई जाए। जिसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप मदद की गुहार लगाई हैं।

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