आदिपुरुष कौन है? इस प्रश्न का उत्तर स्वयं भगवान विष्णु को जानना था. क्योंकि जब वह ब्रह्माण्ड में प्रकट हुए तो उन्हें ब्रह्माण्ड में केवल जल ही दिखाई दे रहा था. उन्हें अपने बारे में भी कुछ पता नहीं था. भगवान विष्णु अपने पूर्वज होने के रहस्य से अनभिज्ञ थे. उसी समय आकाशवाणी हुई कि आदिपुरुष को जानने के लिए तपस्या करो. आकाशवाणी के अनुसार भगवान विष्णु जल में बैठकर ध्यान करने लगे.

तपस्या के दौरान उनकी नाभि से एक दिव्य कमल प्रकट हुआ और फिर उस कमल पर भगवान ब्रह्मा प्रकट हुए. ब्रह्माजी ने भगवान विष्णु को प्रणाम किया और उन्हें आदिपुरुष कहा, क्योंकि उनके सामने कोई अन्य पुरुष प्रकट नहीं हुआ था. भगवान विष्णु सृष्टि के प्रथम पुरुष के रूप में प्रकट हुए. इसीलिए भगवान विष्णु को आदिपुरुष कहा जाता है. Read More – New Year 2025 : नए साल के पहले दिन करें ये 5 काम, पूरे साल बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा …

आदिपुरुष के रूप में पूजे जाते हैं विष्णु

मूल पुरुष भगवान विष्णु से जन्मे परमपिता ब्रह्मा ब्रह्मांड की रचना करने के लिए आगे बढ़े. इसलिए सृष्टि के आदिपुरुष के रूप में भगवान विष्णु को आदिपुरुष के रूप में पूजा जाता है. जब भी घर में सत्यनारायण की कथा होती है तो भगवान सत्यनारायण से पहले आदिपुरुष और अनादिपुरुष की पूजा की जाती है, क्योंकि उस आदिपुरुष का आदि या अंत कोई नहीं जानता. आदिपुरुष अनादि और अनादि है.