दिवाली पर दिल्ली में पटाखा बैन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)ने कहा इसमें हिंदू-मुसलमान वाली कोई बात नहीं. दिवाली रोशनी का त्योहार है और आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण का खामियाजा हमारे ही बच्चों को भुगतना होगा.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल से मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर सवाल किया गया. उन्होंने हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक का हवाला देते हुए जवाब देते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का भी कहना है कि प्रदूषण के मद्देनजर हमें पटाखे नहीं जलाने चाहिए. यह रोशनी का त्योहार है. हम त्योहार को दीये और मोमबत्ती जलाकर मनाएं, न कि पटाखे जलाकर, क्योंकि पटाखे प्रदूषण पैदा करते हैं.
केजरीवाल ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हम किसी पर अहसान कर रहे हैं, हम अपने ऊपर भी अहसान कर रहे हैं. जो प्रदूषण होगा उसे हम और हमारे छोटे-छोटे बच्चे ही भुगतेंगे. इसमें कोई हिंदू या मुसलमान नहीं है, सबकी सांसें जरूरी है, सबकी जिंदगी जरूरी है.’
मोहन भागवत ने पलूशन की वजह से दिवाली पर पटाखे बैन करने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल हिंदुओं के त्योहारों पर क्यों, सबका परीक्षण ऐसा करो. उन्होंने यह भी कहा कि देश काल परिस्थिति के अनुसार बदल सकता है, कर्म-कांड कोई स्थिर नियम नहीं है, वह बदलते रहते हैं, इसमें हिंदुओं में मनाही नहीं है. उनका कहना था कि पहले शुद्ध बारूद के पटाखे बनाए जाते थे और उनके धुएं से खेतों में कीटों को नियंत्रित किया जाता था, लेकिन आज उनका (पटाखों) उपद्रव बदल सकता है.
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