रिपोर्ट- मनीष सोनी, अंबिकापुर। अंबिकापुर होली क्रॉस कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने समाज के सामने एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। बच्चों ने उन मेहनतकश महिलाओं को रेनकोट दिया। जिन के हाथों ने अंबिकापुर को राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसी पहचान दी जिसे पाने के लिए हर शहर हर नागरिक तरसता है।  जिन महिलाओं को रेनकोट दिया गया है उनकी संख्या एक दो नहीं बल्कि 450 है।

अंबिकापुर के होली क्रॉस स्कूल में एक ऐसा कार्यक्रम रखा गया जो इंसानियत के लिए एक नजीर है। स्कूल के छात्रों ने अंबिकापुर शहर को साफ़ -स्वच्छ रखने में सबसे अहम् भूमिका निभाने वाली उन 450 गरीब महिलाओं को रेनकोट देकर उन्हें बारिश में भीगने से बचाया है जो उनके अपने शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए घर-घर से चाहे वह कैसा भी कचरा क्यों न हो कितना भी बदबू से भरा क्यों न हो उसे इकट्ठा कर ले जाती हैं। जिन कचरों के पास से बदबू की वजह से हम नाक भौं सिकोड़ लेते हैं,  मुंह को रुमाल से दबा लेते हैं ये महिलाएं उन कचरों के बीच सुबह से लेकर शाम तक रहती हैं। बच्चों ने इन महिलाओं को रैनकोट देने के लिए खुद ही सारे पैसे इकट्ठे किए थे। बच्चों की ये भावनाएं कहीं न कहीं आपको और हमें भी सोचने के लिए जरुर कुछ न कुछ सोचने के लिए मजबूर करती है…