नई दिल्ली। शनिवार 2 मार्च की सुबह टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर के राजनीति छोड़ने को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, जिसके बाद भारत में मौजूद उनके करोड़ों फैंस हैरान रह गए. वहीं कुछ इस तरह की खबरें आनी शुरू हुईं कि गौतम ने अचानक यह निर्णय इस वजह से लिया है क्योंकि इस बार पूर्वी दिल्ली से उनका टिकट कट सकता है. इसके कुछ ही घंटों के बाद बीजेपी ने आगामी लोकसभा के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी, लेकिन इस लिस्ट में गौतम गंभीर की सीट से किसी भी उम्मीदवार का नाम जारी नहीं किया गया है.

इससे पहले गंभीर ने शनिवार सुबह ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है कि वो मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं क्रिकेट की अपनी प्रतिबद्धताओं पर ध्यान दे सकूं.” पोस्ट में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को टैग करते हुए गंभीर ने लिखा, “लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं. जय हिंद.”

गंभीर को एक और मौका देना चाहती थी भाजपा

भाजपा के अंदरूनी सूत्र ने कहा कि ”गंभीर ने अध्यक्ष से राजनीतिक जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध इसीलिए किया है क्योंकि भीतर से उन्हें मालूम हो चुका है कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व इस बार टिकट नहीं देने जा रहा. लेकिन पार्टी उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाना चाह रही थी, लेकिन पूर्वी दिल्ली या राजधानी की किसी सीट से नहीं, उन्हें ये निर्णय बता दिया गया था”

सूत्र ने कहा, “गुरुवार रात को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक से पहले हुई एक संगठनात्मक बैठक में पहली सूची के लिए नाम तैयार किए गए थे. बैठक में एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने गंभीर को ‘सही उम्मीदवार’ बताया था. मंत्री ने कहा था कि वह अपने लोकसभा क्षेत्र में प्रति बूथ 370 अतिरिक्त वोट सुनिश्चित कर सकते हैं.

पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं हो रहे थे गंभीर

गंभीर को पार्टी के भीतर काफी असुविधा हुई. 2019 में ही दिल्ली बीजेपी हलकों में सुगबुगाहट थी कि वह पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं होते. ऐसा पता चला है कि स्थानीय कैडर ने गंभीर के बारे में भाजपा नेतृत्व से शिकायत की थी कि वह संगठनात्मक बैठकों से गायब रहते हैं. यहां तक कि पिछले माह (फरवरी) दिल्ली में हुए भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन भी शामिल नहीं हुए थे. जबकि अधिवेशन में खुद पीएम मोदी और अमित शाह शामिल हुए थे.

DDCA की जिम्मेदारी संभाल सकते है गंभीर

भाजपा के अंदरूनी सूत्र ने कहा कि गंभीर अब “देश में नहीं तो कम से कम दिल्ली में” क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी संभालने पर विचार कर रहे हैं. असल में यह क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन ही था जिसने गंभीर को राजनीतिक में आने के लिए प्रेरित किया. एक नेता ने कहा, “मार्च 2018 में गौतम के लिए पद्मश्री की घोषणा के तुरंत बाद अरुण जी ने उनसे पार्टी में शामिल होने पर विचार करने के लिए कहा था. गंभीर पार्टी में शामिल होने के लिए सहमत हुए और राष्ट्रवाद को लेकर उग्र बयान देने के निर्देशों का पालन करने लगे.”

उन्होनें आगे बताया कि “गंभीर मार्च 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे, साथ ही क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में भी काम जारी रखा. इसके तुरंत बाद गंभीर को भाजपा का पूर्वी दिल्ली का प्रभारी नियुक्त किया गया. दिल्ली में भाजपा की लहर पर सवार होकर गंभीर ने पूर्वी दिल्ली से जीत हासिल की. उन्हें सात लाख वोट मिले थे.

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