Astronauts Wear Condom In Space: इस वक्त देश में एक नाम बहुत गूंज रहा है, वो है भारतीय एस्ट्रोनॉट् शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) का। शुभांशु शुक्ला एक्सिअम मिशन 4 के तहत इस वक्त इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हैं। शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 5 दिन बिता चुके हैं, 9 दिन बाद उनकी वापसी होगी। अंतरिक्ष, अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष में चहलकदमी करना ये सब सुनने में भले ही बड़ा ग्लैमरस लगता हो, लेकिन असल में स्पेस में स्ट्रोनॉट्स को जीवन जीने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। साथ ही कई तरह के ऐसे काम करने पड़ते हैं, जिसे सुनकर आपके मुंह से पहला शब्द निकलेगा छी-छी। इन्हीं अजीब काम में से एक है- स्ट्रोनॉट्स का कंडोम पहनकर स्पेस में जाना। जी हां.. आपने बिलकुल सही सोचा- शुभांशु शुक्ला भी कंडोम पहनकर स्पेस में गए हैं। तो चलिए आखिर स्ट्रोनॉट्स कंडोम पहनकर स्पेस में क्यों जाते हैं? क्या वहां जाकर सेक्स करते हैं? इन सब सवालों के जवाब तलाशते हैंः-
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नासा के एक पूर्व एस्ट्रोनॉट रस्टी श्वाइकार्ट ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था कि पुराने समय में अंतरिक्ष में पेशाब करने के लिए कंडोम जैसी दिखने वाली डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता था। अंतरिक्ष यात्री इस डिवाइस को अपने पिनस पर यूज करते थे और इसको एक ट्यूब के जरिए पेशाब को स्टोर करने वाले सिस्टम से जोड़ दिया जाता था।

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स्पेस में क्या काम करता है कंडोम
उस दौर में वो सिस्टम माइक्रोग्रैविटी में पेशाब को एकत्र करने में मदद करता था। हालांकि इस कंडोम सिस्टम में बहुत दिक्कतें आती थीं। कभी कभी तो यह सभी एस्ट्रोनॉट्स को फिट ही नहीं होता था। दरअसल सभी इंसानों की बनावट सेम नहीं होती है, इसलिए कई बार यह सिस्टम लीक हो जाता था और बहुत असुविधाजनक होता था। तब बाद में नासा ने इस दिक्कत को समझते हुए छोटा, बड़ा और मीडियम तीन साइज के ऑप्शन रखे। जब भी किसी एस्ट्रोनॉट को साइड चुनने का ऑप्शन मिलता था, तो वे हमेशा बड़ा साइज चुनते थे, क्योंकि यह ‘पुरुष अहं’ से जुड़ा था।

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अब एडवांस हो गया सिस्टम
‘पुरुष अहं’ को देखते हुए साइज के नाम को बदलकर छोटा को लार्ज, मीडियम को एक्स्ट्रा लार्ज और बड़ा को हीरो नाम दे दिया। इसे कि किसी को शर्मिंदगी न हो. लेकिन अब तो सिस्टम और एडवांस हो चुका है और आज की मॉर्डन मशीनों में ऐसी डिवाइस और यूनिसेक्स सूट का इस्तेमाल किया जाता है। ये महिला और पुरुष अंतरिक्ष यात्री दोनों के लिए काम करते हैं.। अंतरिक्ष में हर छोटी-बड़ी चीज भी प्लानिंग मांगती है।
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