रायपुर। मरवाही विधायकअमित जोगी ने कहा कि ये बड़े आश्चर्य की बात है कि “जाति” के नाम पर इस्तीफ़ा माँगा जा रहा है और जो “जाति विरोधी” काम कर रहा है उसके साथ हाथ मिलाया जा रहा है। जोगी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने अपने पूरे राजनितिक जीवन में इन आदिवासी विरोधी ताकतों को रोकने के बजाय उनसे हाथ मिलाया है.
अमित जोगी ने नंद कुमार साय की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उऩ्हें अगर छत्तीसगढ़ के आदिवासी भाइयों से जरा भी लगाव है तो, पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव से इस्तीफा मांगें.
उन्होंने इन तीनों नेताओं पर आदिवासियों के शोषण का आरोप लगाया है. अमित नंदकुमार साय पर ही नहीं रुके. उन्होंने कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल को कहा कि वे पहले उनकी जीत की बराबरी कर लें फिर अपना मुंह खोलें. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देना क्षेत्र की जनता का अपमान है क्योंकि मरवाही की जनता ने उन्हें इतने विशाल और एतिहासिक मतों से विजयी सेवा के लिए बनाया है. जोगी ने कहा कि उनसे इस्तीफ़ा माँगना मरवाही की जनता के जनादेश का अपमान है.
अमित जोगी ने कहा कि वे लोकतांत्रिक देश के संविधान और कानून के अनुसार चुन कर आए हैं. जिस जनता ने उन्हें चुना है, उसी जनता को अधिकार है. उन्होंने कहा कि जिनको लगता है कि रमन पॉवर्ड कमेटी की फ़र्ज़ी रिपोर्ट के आधार पर मैं इस्तीफ़ा दे दूँगा, वे मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखते रहें. कुछ मुट्ठी भर षड्यंत्रकारी लोगों के इस तरह रोज एक जनप्रतिनिधि से इस्तीफे मांगने से यह देश नहीं चलता.