हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को बहुत महत्व दिया जाता है. रोजाना लोग अपने ईष्ट की आराधना करते हैं. जिससे उन्हें अपने ईष्ट के प्रति जुड़ाव महसूस होता है. वहीं कुछ लोग रोज मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं. घर हो या फिर मंदिर, हर जगह पूजा-पाठ के कुछ नियम होते हैं. जिसके अनुसार पूजा करने से पूर्ण फल मिलता है. सभी देवी-देवताओं के पूजा का एक निश्चित समय और विधि-विधान होता है.
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अक्सर हम देखते हैं कि मंदिरों में सुबह-शाम आरती की जाती है. दोपहर के समय मंदिर में पर्दा डाल दिया जाता है और कपाट बंद कर दिए जाते हैं. वहीं शाम को आरती के बाद भी पर्दा डाल दिया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है, तो आइए जानते हैं
रात के समय क्यों डालते हैं पर्दा?
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शास्त्रों के अनुसार कहते हैं जैसे पहर होते हैं, यानी सुबह या रात होती है तो हम सोते और जागते हैं. इसी तरह भगवान भी रात के समय सोते हैं. उनकी नींद में कोई दखल न हो इसलिए शाम की आरती के बाद रात के समय पर्दा डाल दिया जाता है. वहीं सुबह नहाकर ही पर्दा हटाया जाता है. रात के समय मंदिर में एक नाइट लैंप जलने दे सकते हैं. इसके अलावा मंदिर में या पूजा घर में तेज रोशनी की जरूरत नहीं होती.
पर्दे के लिए कौन सा रंग अच्छा ?
अगर आप घर के मंदिर में पर्दा लगा रहे हैं तो सही रंग का चुनाव करना चाहिए. शास्त्रों में पीले रंग को शुभ माना जाता है. कहते हैं कि पीला रंग आध्यात्म की दृष्टि से सबसे अच्छा रहता है. इससे घर के लोगों का मन आध्यात्म की ओर बढ़ता है और मन शांत रहता है. इसके अलावा हल्के रंग यानी क्रीम, हल्का गुलाबी और लाल रंग का पर्दा भी लगाया जा सकता है. डार्क कलर जैसे काला, नीला आदि रंग के पर्दे मंदिर में नहीं लगाने चाहिए.
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