रायपुर। हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी का बहुत महत्व है। ऋषि पंचमी का दिन हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं उपवास करती हैं और जाने-अनजाने में हुए पापों के लिए भगवान से क्षमा मांगती हैं। यह दिन गणेश चतुर्थी के अगले दिन आता है। यानी 20 सितंबर को व्रत रखा जायेगा। इस व्रत को सभी महिलाओं को खासतौर पर करना चाहिए। इस दिन सप्त ऋषि का आशीर्वाद प्राप्त करने और सुख-शांति व समृद्धि की कामना के साथ महिलाएं यह व्रत करती हैं। महिलाओं की माहवारी के दौरान अनजाने में हुई धार्मिक गलतियों और उससे मिलने वाले दोषों से रक्षा करने के लिए यह व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है।

ऋषि पंचमी के दिन कैसे नहाना चाहिए?

साथ ही यह भी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। यदि गंगा में स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।

ऋषि पंचमी 2023 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि की शुरुआत 19 सितम्बर, दिन मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन 20 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत 20 सितंबर को रखा जाएगा। ऋषि पंचमी की पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 19 मिनट से 01 बजकर 45 मिनट तक है।

ऋषि पंचमी क्यों मनाई जाती है

हिंदू धर्म के अनुसार पवित्रता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और शरीर और आत्मा को शुद्ध बनाए रखने के लिए सख्त दिशानिर्देश हैं। हिंदू धर्म में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अशुद्ध माना जाता है और इसलिए इस अवधि के दौरान महिलाओं को रसोई में खाना पकाने या किसी भी धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं है। इन दिशानिर्देशों की उपेक्षा करने से रजस्वला दोष बढ़ता है। रजस्वला दोष से छुटकारा पाने के लिए ऋषि पंचमी का व्रत करने की सलाह दी जाती है। नेपाली हिंदुओं में ऋषि पंचमी अधिक लोकप्रिय है। कहीं-कहीं तीन दिवसीय हरतालिका तीज का व्रत ऋषि पंचमी को समाप्त होता है।