दिल्ली. जन्म और मृत्यु संसार का नियन है. जिसने धरती पर जन्म लिया है उसे एक दिन मौत के मुंह में जाना ही पड़ता है. अगर किसी व्यक्ति का देहांत हो जाए तो आज कल लोग मरे हुए व्यक्ति के नाम के साथ ‘RIP’ लिखकर उसके मौत की जानकारी सभी को देते हैं. वैसे तो RIP शॉर्ट फॉर्म है, लेकिन अब इसे शब्द की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा है. वहीं, कई लोगों को इस शब्द का सही मतलब और फुल फॉर्म भी पता नहीं होता है, लेकिन फिर भी किसी के गुजर जाने के बाद इस शब्द के जरिए अपना दुख प्रकट करते हैं.

क्या है इसका सही मतलब

ज्यादातर लोग लोग इस शब्द के मतलब से पूरी तरह अनजान हैं. आपने देखा होगा कि कई लोग RIP को ‘Rip’ लिख देते हैं. इस ‘Rip’ का मतलब काटना होता है. दूसरी तरफ RIP एक Acronym है. इसका फुल फॉर्म ‘Rest In Peace’ होता है. बता दें कि Rest In Peace की उत्पत्ति लैटिन फ्रेज ‘Requiescat In Pace’ से हुई है. Requiescat In Pace का मतलब होता है ‘शांति से सोना’. हिंदी में इस शब्द का संदर्भ है ‘आत्मा को शांति मिले’. ईसाई धर्म में माना जाता है कि मृत्यु के बाद ‘आत्मा’ शरीर से अलग हो जाती है और ‘जजमेंट डे’ के दिन दोनों फिर से मिल जाएंगे.

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18वीं शताब्दी से हुई शुरूआत!

Requiescat In Pace के बारे में कहा जाता है कि कोई व्यक्ति अगर चर्च की शांति में मरता है, तो उसकी आत्मा का मिलान जीसस क्राइस्ट से होता है. RIP शब्द का इस्तेमाल 18वीं शताब्दी से माना जाता है. इससे पहले 5वीं शताब्दी में मरने के बाद कब्रों पर ‘Requiescat In Pace’ शब्द लिखे मिले हैं. ईसाई धर्म से इस शब्द का प्रचलन बढ़ा. इसके बाद यह शब्द ग्लोबल हो गया.

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आज से समय में इस शब्द का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है. अगर किसी का देहांत हो जाए तो लोग उस व्यक्ति के नाम के साथ ‘RIP’ लिखकर उसके मौत की जानकारी सभी को देते हैं. Rest In Peace का हिंदी में शब्द का संदर्भ है ‘आत्मा को शांति मिले’.