नई दिल्ली. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित आतंकी कैंपों में मंगलवार को अलसुबह भारतीय वायुसेना की बमबारी की इसका असर पाकिस्तान के गली-कूचों से लेकर संसद तक साफ नजर आ रहा है, लेकिन आप जानकार हैरान हो जाएंगे कि आज की तारीख में हिन्दुस्तान से जुड़ा इससे भी बड़ा एक मुद्दा है जो पाकिस्तानियों को खाए जा रहा है.

हम बात कर रहे हैं मुस्लिम देशों के संगठन आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोआपरेशन (OIC) की, जिसने 58 साल बाद भारत को आबू धाबी में एक और दो मार्च को होने वाले विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को विशेष रूप से आमंत्रित किया है. बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमानों की आबादी होने के बाद भी वर्ष 1969 में भारत को ओआईसी की बैठक के बाद पाकिस्तान के विरोध के चलते कभी आमंत्रित नहीं किया गया.

आईओसी के भारत को विशेष रुप से आमंत्रित किया जाना पाकिस्तान को पसंद नहीं आ रहा है, जिसका विरोध वहां के मंत्री और जनप्रतिनिधि कर रहे हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूह कुरैशी ने इस मुद्दे पर यूएई के विदेश मंत्री से चर्चा कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. वहीं संसद में मंगलवार को हुई चर्चा में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के सांसद अयाज सादिक ने इस पर चर्चा करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान के लिए अफसोस की बात है कि उनके विरोध के बावजूद भारत को ओआईसी की बैठक में बुलाया गया है.