लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद. आज नाग पंचमी है और हम आपको एक ऐसे बस्ती के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सपेरों की बस्ती है. आमतौर पर लोग सांप देखकर डर जाते हैं, लेकिन यहां बड़े और बुजुर्ग बच्चे भी सांपों से ऐसे खेलते हैं जैसे वो किसी खिलौने से खेल रहे हों. लेकिन विडंबना ऐसी की सरकारी सिस्टम के भंवर में फंसकर इनके बच्चे आठवीं के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं.

बता दें कि, बालोद जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत सिवनी जिन्हें सपेरों के बस्ती के नाम से भी जाना जाता है. इस गांव में सपेरों की लगभग 17 घरों में 100 की जनसंख्या है. जो एक क्षेत्रफल में बने घेरे(बाउंड्री) के अंदर अपने घर बनाकर रहते हैं. सांप पकड़ने का काम इनके परिवार में कई पीढ़ी से करते आ रहे ये लोग बूढ़ा देव को भगवान भोलेनाथ (शिव शंकर) के रूप में मानते आ रहे हैं. आज नाग पंचमी का दिन सपेरों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन को विशेष पर्व के रूप में मना सपेरे अपने पूरे परिवार के साथ विधि विधान से सांपों की पूजा-अर्चना करते हैं और ऋषि पंचमी पर जंगल में छोड़ आते हैं.

सपेरे विभिन्न प्रजाति के जहरीले सांप को अलग-अलग टोकरी में रखकर साल के 3 महीने शहर और गांव में लोगों के घर-घर जाकर दिखाते हैं. जिन पर लोग अपनी श्रद्धा के फूल और कुछ पैसे और चावल चढ़ाते हैं, जिससे इनके परिवार में जीवनयापन के लिए कुछ मदद मिलती है. हालांकि मजदूरी करने के बाद ही परिवार का गुजारा हो पाता है. गांव हो या शहर किसी के घर में सांप घुस जाने पर लोग इन्हें सांप पकड़ने बुलाते हैं. सांप कितना ही जहरीला क्यों ना हो उसे पकड़ कर अपने साथ ले आते हैं और पूजा-अर्चना करने के बाद उसे जंगल में छोड़ आते हैं.

सपेरों के अनुसार इनके बच्चे आठवीं के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते क्योंकि आगे की शिक्षा के लिए जाति प्रमाण पत्र लगता है. जिन्हें बनाने 50 साल का रिकॉर्ड मांगा जाता है. इनके पूर्वज घुमंतू रहे जो कई क्षेत्र में जाकर सांपों को दिखाकर जीवनयापन करते थे. वहीं इनकी माने तो यह लोग इस जगह पर लगभग 40 साल से रह रहें हैं. बावजूद इसके इनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे. जिसके चलते इनके बच्चे भी अपने परिवार की वर्षों पुरानी परंपरा सपेरों के कार्य करने पर मजबूर हो जाते हैं.

वहीं सपेरों के सामने आ रही जाति प्रमाणपत्र की समस्या को लेकर जब जिले के कलेक्टर से बात की गई तो उन्होंने अधिकारियों को गांव भेज किन कारणों से जाति प्रमाण पत्र बनाने में समस्या है उसे पता कर जल्द ही समस्या को दूर करने का भरोसा दिया है.