नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के बचाव में आरएसएस ने बचाव किया है. संघ ने अपने बयान में कहा है कि पहले आरोप लगाने वाले ये साबित करें कि आरोप गंभीर हैं, प्रथम दृष्टया आरोप साबित होते हैं तभी जांच होनी चाहिए. भोपाल में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो रही है. बैठक को लेकर मीडिया से बात करने आए होसबोले ने अमित शाह के बेटे के मुद्दे पर भी बात की. हालांकि होसबोले ने यह भी कहा कि देश अभी नाज़ुक हालत से गुज़र रहा है. लोकतंत्र में बहस होना काफी जरूरी है.

आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, “भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच आवश्यक होती है, जांच के हिसाब से जो भी कार्रवाई होनी चाहिए वो हो. आरोप प्रथम दृष्टया सिद्ध होने के बाद ही कार्रवाई कर सकते हैं. आरोप लगाने वाले सिद्ध करें कि प्रथम दृष्टया आरोप सिद्ध होते हैं या नहीं.”

इस मामले के आने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.

ये है मामला

द वायर में छपी खबर के मुताबिक 2004 में अमित शाह के बेटे जय शाह ने टेंपल इंटरप्राइज नाम की कंपनी बनाई थी. इस कंपनी में अमित शाह की पत्नी सोनल शाह निदेशक बनीं. 2013 तक कंपनी की कोई खास कमाई नहीं थी लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद आश्चर्यजनक रुप से एक साल में जय शाह की कंपनी का टर्नओवर 16,000 गुना बढ़ा और कंपनी का टर्नओवर 50 हजार से बढ़कर 80 करोड़ रुपए हो गया. जय शाह ने द वायर वेबसाइट के संपादक समेत 7 लोगों के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का केस किया है.