मुंबई। बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की समय से पहले रिहाई पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते में हलफनामा दायर करने कहा है। कोर्ट ने यह आदेश एक सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है।
भालेकर ने संजय दत्त की रिहाई को चुनौति देते हुए उन्होंने दत्त को जेल में रहने के दौरान बार-बार पैरोल मिलते रहने पर भी सवाल उठाया था। न्यायालय ने भालेकर की याचिका को गंभीरता से लेते हुए सवाल किया था कि जेल अधिकारियों ने यह आकलन कर कैसे लिया कि संजय दत्त का व्यवहार अच्छा था? उन्हें यह आकलन करने का समय कब मिला जबकि आधे समय तो संजय दत्त पैरोल पर जेल से बाहर रहते थे। न्यायालय ने दत्त की रिहाई पर सवाल किया कि संजय दत्त की रिहाई के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है क्या वही प्रक्रिया आम कैदियों के लिए भी अपनाई जाती है।
जस्टिस आरएम सावंत और साधना जाधव की बेंच ने पूछा कि क्या पुलिस आईजी जेल से सलाह ली गई थी या जेल सुप्रीडेंट ने सीधे गवर्नर को सुझाव भेज दिए थे? कैसे अथॉेरिटी ने संजय दत्त के अच्छे व्यवहार का फैसला कर लिया। सरकार को यह समझने का मौका कब मिल गया जबकि संजय दत्त ज्यादातर वक्त पैरोल पर जेल से बाहर ही रहे।
फिल्म अभिनेता संजय दत्त को 1993 बम धमाकों के मामले में टाडा कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत AK-56 रायफल रखने का दोषी पाते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी। दत्त यरवडा जेल में बंद थे। जहां उनके अच्छे व्यवहार को आधार बनाते हुए उन्हें 2016 फरवरी में सजा पूरी होने से पहले रिहा कर दिया गया था।