रायपुर. प्रदेश में करीब 75 फीसदी शिक्षाकर्मी संविलियन के बाद स्थाई शिक्षक बन चुके हैं. लेकिन जिन लोगों की मौत शिक्षाकर्मी के रुप में हो गई. उनकी औरतें आज भी मंत्रियों के चक्कर काट रही हैं. ये अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही हैं.
किसी हादसे में जान गंवा चुके शिक्षाकर्मियों की बीवियां बस एक सवाल पूछ रही है. क्या उन्हें पता था कि उनके पति मर जाएंगे कि वे पहले से बीएड और डीएड कर लेते!
दरअसल, शिक्षाकर्मियों की पत्नियों की अपने हक की लड़ाई तब से चल रही है जब राज्य में बीजेपी की सरकार थी. नई सरकार ने आने से पहले इस मसले के समाधान का वादा किया था. लेकिन अब तक वो अपना ये वादा पूरा नहीं कर पाई है.
सरकार का नियम है कि शिक्षक के पद पर अगर अनुकंपा नियुक्ति करनी है तो उसके लिए डीएड या बीएड होना ज़रुरी है. इनकी मांग है कि इस नियम को शिथिल किया जाए.ताकि उनकी अनुकंपा नियुक्ति का रास्ता साफ हो सके.
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