नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के साथ छह साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद बेटा का हक पाने वाले रोहित शेखर तिवारी को क्या मालूम था कि रिश्ते में साली लगने वाली महिला के साथ शराब पीना उसकी पत्नी अपूर्वा को इतना नागवार गुजरेगा कि वह उसकी जान तक ले लेगी. लेकिन होनी को कौन टाल सकता है.
रोहित शेखर की मौत के बाद पुलिस की जांच में निकलकर पाई जानकारी के अनुसार, रोहित शेखर तिवारी की मौत उत्तराखंड के काठगोदाम में मतदान करने के बाद 15 अप्रैल को वापस दिल्ली लौटते समय पीछा करने लगी थी. एक कार में जहां रोहित शेखर की मां उज्ज्वला तिवारी, तो दूसरी कार में रोहित शेखर दूर के रिश्ते में साली लगने वाली महिला के साथ वापस लौट रहे थे. पुलिस के बताए अनुसार, पिछली सीट पर बैठे रोहित और उसकी साली सफर के दौरान शराब की पूरी बोटल गटक गए.
महिला के साथ पति की नजदीकी थी नापसंद
जांच में जो बात सामने आई उसके अनुसार, रोहित शेखर और उसकी दूर के रिश्ते में साली के बीच भले की कोई संबंध नहीं था, लेकिन रोहित की पत्नी अपूर्वा उस महिला की अपने पति के साथ नजदीकी को नापसंद करती थी. लौटने के दौरान शाम करीबन 5.30 बजे अपूर्वा ने रोहित को वीडियो कॉल कर रात के खाने के संबंध में पूछा. कॉल के दौरान रोहित महिला की मौजूदगी को छुपाने की कोशिश की, लेकिन अपूर्वा ने चूड़ियों की आवाज और उसके कपड़े को देखकर समझ गई कि साथ कौन चल रहा है.
रोहित रात करीबन 10 बजे महिला के साथ डिफेंस कालोनी स्थित अपने बंगले पहुंचा, लेकिन इस वक्त अपूर्वा ने अपने गुस्से को काबू में रखा. नशे में सराबोर रोहित को अपूर्वा ने खाना परोसा. खाना खाने के बाद दोनों पति-पत्नी अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले गए. करीबन आधे घंटे बाद रोहित की मां उज्ज्वला आईं और दोनों से चर्चा की. रोहित ने तब ठीक नहीं लगने की बात कहते हुए अपने कमरे में सोने के लिए चला गया.
नशे और कमजोरी से नहीं कर पाए मुकाबला
इधर सास के जाने के बाद अपूर्वा ने रात 12.45 तक टीवी देखने के बाद अपने पति के कमरे में पहुंची और महिला को लेकर झगड़ना शुरू किया. इस दौरान रोहित के एक ही गिलास में महिला के साथ शराब पीने की बात अपूर्वा को इतनी नागवार गुजरी कि उसने सीधे रोहित का गला पकड़ लिया. गले दबाते हुए उसने रोहित का मुंह भी दबा दिया, जिससे वह चीख-चिल्ला नहीं पाए. एक तो शराब का नशा और दूसरा सालभर पहले हुए बायपास सर्जरी की वजह से पहले ही कमजोर हो चुके रोहित में बचाव के लिए ताकत नहीं बची थी.
जांच में लगे एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, रोहित की मौत होने के बाद अपूर्वा को समझ नहीं आया कि अब क्या किया जाए. और वह करीबन घंटेभर तक रोहित के कमरे में ही इधर से उधर घूमती रही. रात करीबन 2 बजे वह अपने बेडरुम चली गई, लेकिन उसे नींद नहीं आई. सुबह 9 बजे घरेलू नौकर ने रोहित शेखर के कमरे में झांककर देखा तो सोते नजर आया, लिहाजा वह लौटकर चला गया. इस बीच तिलक मार्ग वाले मकान में रहने वाली उज्ज्वला तिवारी ने रोहित से बात करनी चाहिए, इस पर अपूर्वा ने उसके सोने की बात कहते हुए टाल दिया.
अलग-अलग कहानियों में फंस गई अपूर्वा
दोपहर करीबन 3.30 बजे अपूर्वा ने नौकर को रोहित को उठाने के लिए भेजा. नौकर ने जब रोहित को जगाने का प्रयास किया तो शरीर में कोई हरकत न देख और नाक के खून बहता देखकर हड़बड़ाया और एंबुलेंस को काल किया. अस्पताल लाए जाने पर डॉक्टरों ने रोहित शेखर की मौत होने की पुष्टि कर दी. शव का पोस्टमार्टम होने पर मौत का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस की जांच तीन लोगों पर टिक गई. घरेलू नौकर गोलू, ड्राइवर अखिलेश और पत्नी अपूर्वा. गोलू और अखिलेश आजीविका के लिए रोहित पर निर्भर थे, वहीं अपूर्वा के बयान में विरोधाभाष था. आखिरकार अपूर्वा अलग-अलग कहानियों में फंस गई और मामला साफ हो गया.