Lalluram Desk. पहलगाम आतंकी हमले में पर्यटकों को बचाने की कोशिश करते हुए मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह की पत्नी गुलनाज अख्तर को स्थायी सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को सैयद आदिल हुसैन शाह के परिवार से मुलाकात की.

शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उपराज्यपाल सिन्हा ने आदिल के असाधारण साहस और बलिदान की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, “हमने पहले ही तय कर लिया था कि हम आदिल जी के परिवार से मिलेंगे. जम्मू-कश्मीर प्रशासन और गृह मंत्रालय ने पहले ही उन्हें वित्तीय सहायता दे दी है.” उन्होंने आगे कहा कि देश भर की विभिन्न राज्य सरकारें भी आदिल के साहसी कार्य को स्वीकार करते हुए परिवार की सहायता के लिए आगे आई हैं.

उन्होंने कहा, “उनके बलिदान को मान्यता देते हुए अब उनकी पत्नी को अनंतनाग में वन विभाग में स्थायी पद पर नियुक्त किया गया है. यह प्रशासन की ओर से आभार का प्रतीक है. हमने उनके पिता, परिवार के सदस्यों और स्थानीय ग्रामीणों से भी बात की. उन्होंने क्षेत्र में अधिक रोजगार के अवसरों की आवश्यकता पर आवाज़ उठाई, जिस पर हम निश्चित रूप से गंभीरता से विचार करेंगे.”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, जम्मू-कश्मीर के एलजी ने लिखा, “अनंतनाग में शहीद सैयद आदिल हुसैन के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. उनकी पत्नी गुलनाज़ अख़्तर को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र सौंपा. 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले आदिल की बहादुरी पर पूरे देश को गर्व है.”

कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बैसरन घास के मैदान में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई. जवाबी कार्रवाई में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया.

हमले के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिसके बाद भारत ने समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 एयरबेसों में रडार इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने की सहमति की घोषणा की गई.