धर्मेंद्र ओझा, भिंड। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए एमपी के लाल के घर 7 महीने बाद किलकारी गूंजी है। जवान पवन भदौरिया की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है। वहीं शहीद के माता-पिता और पत्नी ने मध्य प्रदेश सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार पर आर्थिक सहायता न देने के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शौर्य चक्र देने की बात कही है। वहीं 15 अगस्त को शहीद के परिवार को प्रमाण पत्र, शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया।
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सुकमा में नक्सली मुठभेड़ में हुए थे शहीद
दरअसल भिंड जिले के भरौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत कुपावली गांव के रहने वाले पवन भदौरिया CRPF कमांडो फोर्स में नीमच में 19/09/2019 में भर्ती हुए थे। पवन भदौरिया की नीमच में ही ट्रेनिंग की गई थी। 30 जनवरी 2024 को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी। जिसमें पवन भदौरिया शहीद हो गए थे। वह अपने पिता के इकलौते पुत्र थे। शहीद पवन भदौरिया का शव जब उनके गृह गांव कुपावली में लाया गया था। उस समय गांव में हजारों की संख्या में आसपास के लोग पहुंचे हुए थे।
जिले के कई पूर्व मंत्री ,पूर्व प्रत्याशी पवन भदौरिया के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। जिस जगह पर उन का अंतिम संस्कार किया गया था। वहां के लिए स्थानीय अधिकारियों ने और नेताओं ने आश्वासन दिया था कि यहां पर पवन भदौरिया के नाम से पार्क बनाया जाएगा। लेकिन आज तक वह बन नहीं सका। शहीद के पिता राजकुमार भदौरिया से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने शहीद के परिवार को जो सहायता राशि देनी थी, वह आज तक नहीं दी गई है। जिसको लेकर शहीद के पिता भिंड कलेक्टर और एसडीएम समेत जिले के विधायक मंत्रियों के ऑफिस के काफी चक्कर लगा चुके हैं।
नेताओं से भी नहीं मिला कोई संतोषजनक जवाब
संबंधित अधिकारियों ने एवं नेताओं ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उसके बाद शहीद के पिता थक्कर कर अपने घर बैठ गए। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार से हमें समय-समय पर मदद पूरी मिल रही है। वहीं शौर्य चक्र देने की बात भी कही है। सीआरपीएफ के अधिकारी घर आए थे जिन्होंने शहीद के परिवार को प्रमाण पत्र,शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया था।
शहीद की पत्नी ने कहा- नहीं मिली कोई मदद
शहीद की पत्नी आरती भदौरिया ने बताया उनके पति की कोई पूर्ति तो नहीं कर सकता। लेकिन अब हमारे पास 5 साल की बच्ची है जिसका नाम ऋषिका है। कुछ दिन पहले हमारे घर में बच्चे ने जन्म लिया है जिसका नाम अर्पण है। उसके सहारे हम अपना जीवन काट लेंगे। आरती ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा हमारे परिवार को कोई आर्थिक सहायता राशि नहीं दी गई है।
पवन भदौरिया के परिवार बातचीत पर साफ तौर से देखा गया कि प्रदेश सरकार ने जो वादे किए हैं वह सब खोखली नजर आ रहीं हैं। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने जो आश्वासन दिया था, वह भी शहीद परिवार को आज तक पूरा नहीं किया गया। परिवार के सभी सदस्य संबंधित नेता, राज्य नेताओं एवं अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक्कर अपने घर बैठ गए हैं। अब देखना यह होगा कि संबंधित अधिकारी इस मामले को ठंडे बस्ते में कब तक डालेंगे।
गौरतलब है कि बीते दिनों सुकमा में जवान जिला मुख्यालय से करीब 120 किमी दूर नक्सल प्रभावित इलाके टेकलगुड़ा में कैंप स्थापित करने पहुंचे थे। दोपहर करीब 12 बजे नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया था। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में पवन भदौरिया को गोली लग गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने दम तोड़ दिया था।
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