पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले के उदंती सीता नदी वन परिक्षेत्र में एक सकून भरा बदलाव का सफर देखा जा रहा है. बीते दिनों उदंती सीता नदी वन परिक्षेत्र के जंगल में स्थित सोरनामाल गांव में विभाग के द्वारा कार्रवाई करते हुए अतिक्रमित बस्तियों को हटाया गया था. अब जानवरों की आवाजाही के सुंदर दृश्य दिखाई दे रहे हैं. कई सालों से ग्रामीणों ने इस जगह पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था, कुछ समय पहले वन विभाग ने यहां कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों को खदेड़ते हुए त्वरित कार्रवाई की थी. अब इस कार्रवाई से सफल परिवर्तन देखने को मिल रहा है.

बता दें कि, डीएफओ वरुण जैन ने अतिक्रमण हटाने के बाद इस क्षेत्र में कैमरे लगाए हैं. अब इन कैमरों से प्रकृति की मंत्रमुग्ध कर देने वाली झलकियां कैद होने लगी हैं. इस क्षेत्र में लगे कैमरों में कई वन्य जीवों की विविध श्रृंखला दिखाई दे रही है. जैसे तेंदुए, भालू, हिरण, सांभर और छोटे आकर्षक माउस हिरण को देखा जा सकता है. जैसे-जैसे ये छवियां प्रसारित होती रहती हैं, वे न केवल वन्यजीवों की उनके सही निवास स्थान पर वापसी की जानकारियां भी कैमरों के माध्यम से मिल रही हैं. इन दृश्य में कई जानवरों को स्वतंत्र रूप से घूमते हुए देखा जा सकता है. वन विभाग इस सकारात्मक विकास को उजागर करने के लिए इन मनोरम छवियों को साझा कर रहा है, जिससे वे वायरल सनसनी में बदल रहे हैं.

उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन ने फ़ोटो जारी करते हुए बताया कि, ग्राम सोरनामाल में हुई अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद अब उदंती वन अपनी सुंदरता को पुनर्निर्माण करते हुए नए रूप में चमका रहा है. वन्यजीव संरक्षण के लिए यह कदम महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे न केवल जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में बनाए रखने का सुनहरा अवसर मिल रहा है. वन भूमि पर 15 सालो में ढाई लाख पेड़ काटकर काबिज 250 लोगों को बेदखली का रिकार्ड दर्ज है. साथ ही 106 शिकारियों को भी दबोचा गया है.

250 लोग किए गए बेदखल

उपनिदेशक वरुण जैन ने उदंती सीता नदी अभ्यारण्य प्रशासन ने घोरागांव से बेदखली का अभियान चलाया. अतिक्रमणकारियों को बेदखल कराकर खलबली मचा दी. राजनीतिक रसूख और वोट बैंक के चलते ये अतिक्रमणकारी ढाई लाख पेड़ काटकर 600 हेक्टेयर वन भूमि पर काबिज थे. इन्हें खदड़ने उपनिदेशक वरुण जैन ने अभियान चलाया और सफल भी हुए. प्रदेश भर में वन विभाग के इतिहास में इसे अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई के नाम पर रिकार्ड किया गया है. अफसरों पर हमले हुए, कोर्ट में भी हाजिरी देनी पड़ी. बावजूद इसके अभियान में वन अमला डटा रहा. अतिक्रमण हटते ही जंगल के भीतर चल रहे वन्य प्राणियों के शिकार का चेन भी टूटा. अभ्यारण्य के एंटी पोचिंग टीम ने 3 जून से 19 दिसंबर तक 28 ऑपरेशन में 106 शिकारियों को पकड़कर नया रिकार्ड बनाया. साथ ही 3 बाघ के, 5 तेंदुए के खाल समेत विभिन्न वन्य प्राणियों के अवशेष जब्त किए थे.

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