नई दिल्ली. दिल्ली में इस साल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कुल 4.07 लाख लोगों ने परिवहन विभाग के ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट दिया. टेस्ट के दौरान 1.49 लाख से ज्यादा लोग फेल हो गए. परिवहन विभाग ने फेल होने वाले चालकों के लिए अब आरटीओ के इस ट्रैक को प्रशिक्षण ट्रैक के तौर पर प्रयोग करने का फैसला लिया है.

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018 से दिल्ली में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की शुरुआत हुई थी. दिल्ली के सभी 13 आरटीओ के पास अपना ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक है, जिसमें मैनुअल हस्तक्षेप नहीं है. सीसीटीवी कैमरे और सेंसर्स के जरिए तय होता है कि चालक पास है या फेल. मसलन 63 फीसदी लोग ही पास हो पाए, जबकि 37 फीसदी चालक फेल हो गए. प्रशिक्षण के लिए इन ट्रैक का इस्तेमाल सप्ताह में छुट्टी वाले दिन या सुबह और रात में किया जा सकेगा. इसके लिए प्रशिक्षण लेने वालों को शुल्क भी देना होगा. प्रशिक्षण के समय और शुल्क को लेकर अभी दिल्ली परिवहन विभाग काम कर रहा है. बता दें कि दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए हर रोज 600 से अधिक आवेदन आते हैं. इसी साल अब तक लर्निंग लाइसेंस के लिए कुल 3.14 लाख से अधिक आवेदन आए हैं. लर्निंग लाइसेंस की परीक्षा में 2.77 लाख लोग पास हुए हैं. इस साल 1.66 लाख नए लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं.