सुप्रिया पांडे। कोरोना के बाद अब भारत में बर्ड फ्लू की दस्तक से लोगों में भय का माहौल पैदा हो गया है. मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तराखंड के पक्षियों में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हुई है. जिसके प्रसार को रोकने के लिए पीएम मोदी ने सभी राज्यों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए है. बर्ड फ्लू को लेकर जारी एडवाइजरी का पालन करने को कहा है.

बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण है, जो इंसानों में भी फैल सकता है. इसलिए लोगों को इससे भी सावधान रहने की जरूरत है. बर्ड फ्लू के वायरस को एविएन इंफ्लूएंजा भी कहा जाता है. इस वायरस की वजह से बीते 15 दिनों में देशभर में करीब 5 लाख से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है.

जिस तेजी से बर्ड फ्लू का वायरस फैलता जा रहा है. उससे यह डर भी है कि कही ये वायरस भी महामारी का रूप ना ले ले. केरल ने इस वायरस को आपदा तक घोषित कर दिया है. साल 2013 की बात है, जब ब्रिटिश मेडिकल जर्नल नाम की पत्रिका में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. शोधकर्ताओं का मानना था कि बर्ड फ्लू भी महामारी का रूप ले सकता है.

ये जानकारी भी सामने आई है कि तुर्की में इसी साल जनवरी माह में बर्ड फ्लू के नए स्ट्रेन से दो लोगों की मौत हुई. 13 लोगों में इस बीमारी की पुष्टी भी की गई थी. जिसे देखते हुए बर्ड फ्लू को लेकर एक संस्था ने महामारी फैलने का अंदेशा जताया था. हालांकि ऐसा हुआ नहीं था.

बर्ड फ्लू में लगभग 15-16 स्ट्रेन है. जिसमें H5N1 इंसानों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. जो काफी खतरनाक भी है. जानकारी के मुताबिक भारत में लगभग 2006 में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया था और तब से अब तक किसी न किसी राज्य में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने लगे है.

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