शब्बीर अहमद,भोपाल। देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद को लेकर चुनाव होंगे. इसको लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बड़ी बैठक बुलाई है. जिसमें करीब 40 विधायक नहीं पहुंचे हैं. कांग्रेस के 96 विधायकों में करीब 40 विधायक गायब मिले हैं. कांग्रेस के 28 आदिवासी विधायकों में से सिर्फ 1 दर्जन विधायक ही पहुंचे हैं. कांग्रेस ने सभी विधायकों को बैठक में शामिल होने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके विधायक नहीं पहुंचे हैं. इन आदिवासी विधायकों में झूमा सोलंकी, हनी बघेल, नारायण पट्टा, हर्ष विजय गहलोत शामिल है. ऐसे में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सता है. वैसे भी बीजेपी पर कांग्रेस खरीद-फरोख्त का आरोप लगा चुकी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के आदिवासी विधायक एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपति मुर्मू को वोटिंग कर सकते हैं.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के आदिवासी विधायकों पर एक कहावत फिट होती दिखाई दे रही है. एक तरफ खाई और दूसरे तरफ कुआं. दरअसल एमपी में कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा आदिवासी विधायक है, लेकिन ये विधायक दुविधा में फंस गए है. उसकी वजह है एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू जो आदिवासी समाज से आती है. विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा गुरुवार को भोपाल आए थे. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक को संबोधित किया. 18 जुलाई को खुद के समर्थन में वोट देने की अपील की है.

28 की जगह पहुंचे करीब 12 आदिवासी विधायक

कांग्रेस विधायक की बैठक में सभी को अनिवार्य रूप से बैठक में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन कांग्रेस के 96 विधायकों में से करीब 40 विधायक नहीं पहुंचे. इसमें सबसे ज्यादा संख्या अदिवासी विधायकों की थी. बताया जा रहा है कि 28 आदिवासी कांग्रेस विधायकों में से करीब 12 विधायक की ही बैठक में शामिल होने पहुंचे. जिसके बाद कांग्रेस के अंदर अब बगावत का डर सताने लगा है.

पार्टी या समाज संकट आदिवासी विधायक

कांग्रेस के आदिवासी विधायकों के सामने सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि आखिर वो वोट किसे करे. पार्टी के खिलाफ जाते है, तो बागी के साथ अगली बार टिकट पर संकट आ जाएगी. अगर द्रौपदी मुर्मू के साथ नहीं देते है, तो आदिवासी समाज की नाराजगी कहीं भारी न पड़ा जाए. क्योंकि बीजेपी के कई नेता खुलकर कांग्रेस के आदिवासी विधायकों को ये कह चुके हैं. अंतआत्मा की सुने और द्रोपदी मुर्मू को वोट करें.

नहीं आने के ये बनाए आदिवासी विधायक ने बहाने

पीसीसी के निर्दश के बाद भी कांग्रेस विधायक बैठक में नहीं पहुंचे. बैठक में नहीं पहुंचने को लेकर जब नेता द्वारा फोन लगाकर पूछा गया तो कई विधायकों ने ये कहा कि वो जरूरी काम से बाहर आए है. कई ने परिवारिक कारण बताएं. अधिकतर जो विधायक बैठक में नहीं आए. उन्होंने अपने इलाके में चुनाव के परिणाम आने के कारण बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर असमर्थता जताई. लेकिन सवाल ये है कि परिणाम पहले से तय थे कि इसी दिन आना है, तो फिर कांग्रेस की तरफ से विधायकों को बैठक में शामिल होने के निर्देश क्यों जारी किए गए थे. इसी के चलते सवाल उठ रहा है क्या कांग्रेस के अदिवासी विधायक क्रॉस वोट कर सकते हैं.

पूर्व सीएम और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था कि कांग्रेस विधायकों को बीजेपी खरीदने की कोशिश कर रही है. हमारे एक विधायक को एक करोड़ का ऑफर मिला है. बीजेपी अन्य विधायकों पर भी डोरे डाल रही है. मुझे अपने सभी विधायकों पर पूरा भरोसा है.

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कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने कमलनाथ और यशवंत सिन्हा के आरोप पूरी तरह सच होना बताया है. उन्होंने कहा कि वोट के पहले 50 लाख रुपए का ऑफर दिया गया है. मेरे अलावा लखनादौन विधायक को भी ऑफर दिया गया. कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने आगे बताया कि कांग्रेस के कई और आदिवासी विधायकों को मंत्री पद का ऑफर दिया गया है. बीजेपी को राष्ट्रपति चुनाव में हार का डर है, इसलिए ये सब किया जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव में NDA के प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू को वोट डालने के लिए ऑफर मिला है. उमंग सिंगार ने कहा कि बीजेपी क्रॉस वोट के लिए कांग्रेस विधायकों को ऑफर दे रही है.

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बीजेपी ने कांग्रेस के आदिवासी विधायकों से वोट डालने की अपील की है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि कांग्रेस के आदिवासी विधायक राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करे. कांग्रेस के आदिवासी विधायक अंतरात्मा की सुने. आदिवासी वोटरों के समर्थन से कांग्रेस का आदिवासी विधायक चुने गए.

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