प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में इंस्पेक्टरों के चेंबर में कैमरे की आंख बंद होने या कैमरा घुमाने की खबर छपने के बाद पूरे जोन के इंस्पेक्टरों के चेंबर में हड़कंप मचा हुआ है. कुछ इंस्पेक्टरों ने तो इसे ठीक करना भी शुरू कर दिया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या आरपीएफ के जिम्मेदार यानी आईवीजी और एसआईबी इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेगी ?
कैमरे की निगरानी से बचने के लिए जोन के कई इंस्पेक्टरों ने अपने कैमरे की आंखे या तो घुमा दी है या चेंबर ही चेंज कर लिया. ये खबर लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसके बाद आरपीएफ में इस कारनामे की चर्चा शुरू हो गई है. कुछ आरपीएफ सूत्रों का कहना है कि कैमरा ठीक से लगा है या नहीं ये जांच करने का काम आईवीजी या एसआईबी का है.
यही वो टीम होती है जो इसकी रिपोर्ट सीधे आईजी आरपीएफ को सौंपती है. अब सवाल ये है कि क्या इस टीम को अब ऐसे इंस्पेक्टरों के चेंबर में सीसीटीवी कैमरे ठीक से लगे है या नहीं इसकी जांच के लिए आदेश का इंतेजार है ?
वहीं कुछ इंस्पेक्टरों के चेंबर तो एसआईबी इंचार्ज से संबंधों के आधार पर ही चल रहे है.
कौन करता है मॉनिट्रिंग ?
इंस्पेक्टरों के चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से ये पता चल जाएगा कि कौन सा कैमरा कितने महीनो या वर्षों से बंद या घुमा हुआ है. वहीं सवाल ये भी है कि इन कैमरों की मॉनिट्रिंग कभी हुई या नहीं ? यदि समय-समय पर इसकी मॉनिट्रिंग होती तो आज आरपीएफ के जिम्मेदारों को ये पता चलता कि कौन से इंस्पेक्टर के चेंबर का कैमरा बंद या घुमा हुआ है.