अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं. इस बीच दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उन अटकलों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि 16 अप्रैल को दिल्ली में लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिल्ली की ओर से कहा गया है कि मीडिया के लोग लगातार पूछ रहे हैं कि क्या दिल्ली में आम चुनाव की संभावित तारीख 16 अप्रैल है.
सीईओ ऑफिस ने लिखा है, “मीडिया की तरफ से CEO, Delhi Office के एक सर्कुलर के संदर्भ में कुछ प्रश्न एक आ रहे हैं और यह स्पष्ट करने को कहा जा रहा है कि क्या दिल्ली में #LSElections2024 के लिए 16.04.2024 संभावित मतदान की तारीख है? इसमें यह स्पष्ट किया जाता है कि इस तारीख का उल्लेख केवल अधिकारियों के लिए चुनाव आयोग की चुनाव योजना के अनुसार गतिविधियों की योजना बनाने के ‘संदर्भ’ के लिए किया गया है.”
बता दें कि दिल्ली में लोकसभा की कुल सात सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली में सभी सात सीटों पर छठे चरण में 12 मई 2019 को चुनाव कराएग गए थे. उस साल कुल सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक चुनाव कराए गए थे, जबकि 23 मई को वोटों की काउंटिंग कराई गई थी.
लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को ही दिल्ली में अद्यतन मतदाता सूची प्रकाशित की गई है, जिसमें 18 से 19 साल आयुवर्ग के युवाओं की संख्या में 85 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और महिला मतदाताओं का पंजीकरण भी बढ़ा है. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गयी है कि मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ पूर्ण हुए विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण- 2024 के अनुसार, अब राष्ट्रीय राजधानी में कुल 1,47,18,119 मतदाता हैं, जिनमें 79,86,572 पुरुष, 67,30,371 महिलाएं तथा 1,176 तृतीय लिंगी हैं.
नई मतदाता सूची में 2023 की मतदाता सूची की तुलना में मतदाताओं की संख्या 58,182 घटी है. वर्ष 2023 की मतदाता सूची में पुरुष और महिला मतदाता क्रमश: 80,38,676 और 67,36,470 थे. घर-घर जाकर किये गये सत्यापन के दौरान मतदाता सूची से 3,97,004 प्रविष्टियां हटायी गयीं जिनमें 3,07,788 ऐसे मतदाता थे जो स्थायी रूप से कहीं और चले गये, 56,773 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है तथा 32,443 मतदाताओं की एक से अधिक बार प्रवृष्टियां की गई थीं.
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी कृष्णमूर्ति ने बताया कि विशेष पुनरीक्षण के फलस्वरूप मतदाताओं के लिंगानुपात में पांच अंक का सुधार आया और वह 838 से बढ़कर 843 हो गया जो मतदाता सूची में महिलाओं को शामिल करने के प्रयास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति दर्शाता है.