शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में नए सृजन के साथ बदलाव की बयार है। एआईसीसी की गाइडलाइन के तहत जिला अध्यक्षों की खोज में संगठन जुट गया है। लेकिन, ऐसा पहली बार है कि जब संगठन जिलों के जातिगत समीकरणों के आधार पर जिला अध्यक्ष को चुना जाएगा। इसके अलावा महिला प्रतिनिधित्व पर भी कांग्रेस का जोर होगा। 

MP कांग्रेस में एक भी महिला जिला अध्यक्ष नहीं

वर्तमान में एमपी कांग्रेस में एक भी महिला जिला अध्यक्ष नहीं है। जातिगत समीकरण के साथ महिला जिला अध्यक्ष पर जोर होगा। सूत्रों की माने तो जिला अध्यक्षों में 35 फीसदी आरक्षण का फार्मूला लागू करने पर भी मंथन किया जा रहा है। फिलहाल यह तय किया गया है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष 35 से 45 साल की उम्र के होंगे। 

सभी ऑब्जर्वर्स को आवंटित जिले में दिया गया जातिगत डेटा फोल्डर 

हर जिले से जिला अध्यक्ष के लिए पैनल में कुछ छह नाम शामिल किए जाएंगे। इनमें महिला समेत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक के नाम हर हाल में शामिल होंगे। इसके बाद दो अन्य दावेदारों के नाम पैनल में शामिल रहेंगे। बीते 03 जून को राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में बाद सभी ऑब्जर्वर्स को आवंटित जिले में जातिगत डेटा फोल्डर भी दिया गया है।

कांग्रेस ने महिला प्रतिनिधित्व को बताया मजबूत

मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरौलिया ने बताया कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व कांग्रेस में हमेशा से ही मजबूत रहा है। नए सृजन के न सिर्फ जातिगत बल्कि महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर भी जोर दिया जाएगा। 

BJP ने कसा तंज 

कांग्रेस की कवायद पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस में महिलाओं के प्रति संगठन और नेताओं का क्या इतिहास रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। टंच माल से आइटम और महिला नेत्रियों में रस का भाव दिखाई देता है। भवरी देवी से लेकर सरला मिश्रा कांड कांग्रेस की कलई खोलते हैं। दलितों से लेकर महिलाओं का हमेशा अपमान करने वाली कांग्रेस महिला प्रतिनिधित्व का सिर्फ दावा कर सकती है।

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