रायपुर. सरकार अब ठेके पर शराब बेचने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए आबकारी आयुक्त की ओर से देश में विदेशी शराब बनाने वाली और आयात करने वाली कंपनियों को ब्रांड का पंजीयन करने 10 जनवरी 2019 तक का समय दिया है. शराब की नीति को लेकर पूर्ववर्ती रमन सरकार को कोसने वाली कांग्रेस सरकार बनने के बाद सरकार के लिए आय के बड़े स्रोत को एक झटके में बंद करने से बचना चाह रही है. मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल ने कहा था कि- फिलहाल पूर्ण शराबबंदी लागू करना मुश्किल हैं. इसे लेकर हम सामाजिक और आर्थिक पहलूओं पर विचार कर रहे हैं. इसके बाद ही हम पूर्ण शराबबंदी को लेकर फैसला लेंगे.
इस बीच आबकारी विभाग ने बुधवार को एक पत्र जारी कर विदेशी शराब बनाने वाली और आयात करने वाली कंपनियों को अपने ब्रांड के पंजीयन के लिए सूचना पत्र जारी कर दिया है. स्पष्ट है कि अगले वित्तीय वर्ष में शराब सरकार द्वारा नहीं बल्कि पूर्व की तरह ठेका के जरिए संचालित की जाएगी.
पिछली सरकार के दौरान विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस शराब नीति को लेकर मुखर थी. कांग्रेस ने पूर्ण शराबबंदी के तमाम आंदोलनों को लेकर अपना समर्थन भी दिया था. जन घोषणा पत्र में भी यह कांग्रेस का वादा है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी की जाएगी. हालांकि बदलते समीकरणों के बीच सरकार यह बता पाने में असमर्थन नजर आ रही है कि आखिर राज्य में पूर्ण शराबंदी कब से लागू की जाएगी.