Winter Session : अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के मामले में राजनीति गरमा गई है. आज इस मसले पर संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद में बॉर्डर की स्थिति पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करें. वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने स्थगन प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. फिलहाल विपक्षी दलों के बयानबाजी से साफ है कि आज संसद का सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है.

कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार सीमा के मसले को दबा रही है, जिसके कारण चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चीन के दुस्साहस करने पर कांग्रेस सरकार को ‘जागने’ की कोशिश कर रही है, लेकिन वह ‘अपनी राजनीतिक छवि चमकाने’ के लिए चुप्पी साधे है.

इंडियन आर्मी के आगे पीछे हटने को मजबूर हुए चीनी सैनिक

बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के बीच 30 महीने से ज्यादा समय से बॉर्डर पर टकराव चल रहा है. इसी बीच, 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प हो गई. भारतीय सेना ने बताया कि तवांग सेक्टर में चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट के पास पहुंचे. यहां इंडियन आर्मी ने दृढ़ता और मजबूती के साथ मुकाबला किया. जिसकी वजह से चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस झड़प में दोनों देशों के कुछ सैनिक घायल हुए हैं. घायलों में सबसे ज्यादा संख्या चीनी सैनिकों की है. बयान में कहा गया है कि झड़प के बाद दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए. कमांडर स्तर पर दोनों पक्षों की फ्लैग मीटिंग हुई और शांति बहाल करने के लिए चर्चा की गई. 

मोदी सरकार सिर्फ छवि चमकाने में लगी : जयराम

जयराम रमेश ने कहा कि हमें सशस्त्र बलों की बहादुरी पर गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो वर्षों से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार सिर्फ अपनी छवि को चमकाने के लिए इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. इसी वजह से चीन का दुस्साहस बढ़ रहा है.

ओवैसी आज संसद में पेश करेंगे स्थगन प्रस्ताव

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर केंद्र सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर 13 दिसंबर को संसद में स्थगन प्रस्ताव लाएंगे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कमजोर राजनीतिक नेतृत्व’ की वजह से चीन ने यह अपमान किया है. ओवैसी ने ट्वीट किया- अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं. सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. जब सत्र चल रहा था तो संसद को सूचित क्यों नहीं किया गया?

‘संसद में तत्काल चर्चा की जरूरत’

एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा- सेना किसी भी समय चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. पीएम मोदी का कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है. संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है. मैं इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा. ओवैसी ने कहा कि अभी घटना का ब्यौरा अधूरा है. झड़प का कारण क्या था? क्या गोलियां चलाई गई थीं या गलवान के जैसा था? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी हालत कैसी है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है? 

देश सैनिकों के शौर्य को सलाम करता है : केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा- हमारे जवान देश की शान हैं. उनके शौर्य को मैं सलाम करता हूं. और ईश्वर से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अपनी सेना के शौर्य के बल पर इतना तो दावे के साथ कह सकती हूं कि चीन को क्षति ज्यादा हुई होगी. पर इतनी बड़ी खबर भी सूत्रों के माध्यम से? सरकार कहां है?  चीन बार-बार यह हिमाकत कर कैसे रहा है?