रूपेश गुप्ता, बिलासपुर। हाईकोर्ट में अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ फर्जी जाति के आरोपों पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा पर जोगी पिता- पुत्र को बचाने का आरोप लग गया। हालांकि महाधिवक्ता जुगलकिशोर गिल्डा कोर्ट में व्यक्तिगत आरोप से नाखुश दिखे.
दरअसल, बीजेपी नेता समीरा पैकरा सहित 200 आदिवासियों में अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ फर्जी तरीके से आदिवासी बन बनकर आदिवासियों का हक मारने का आरोप लगाया है और उनकी जाति की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
इस मामले की सुनवाई की जानकारी देते हुए वकील सतीश चंद्र वर्मा ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को अमित जोगी के तीन जगह जन्म लेने के आरोपो पर सभी पक्षों को नोटिस जारी करने की मांग की। सतीश चंद्र वर्मा के मुताबिक महाधिवक्ता गिल्डा ने इसका विरोध कर दिया।
गिल्डा की दलील थी कि इस मामले की सुनवाई पहले से ही दूसरे मामले में चल रही है इसलिए इसे उन्ही मामलो के साथ जोड़ दिया जाए। इस पर वकील सतीश चंद वर्मा ने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि गिल्डा छत्तीसगढ़ सरकार के वकील है तो जोगी परिवार के बचाव में कैसे दलील दी रहे हैं।
वर्मा ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी करने की बात कही जा रही है लिहाजा उस सभी की ओर से जवाब गिल्डा कैसे दे कर सकते हैं। वर्मा ने आरोप लगाया कि यह साबित करती है कि सरकार के वकील जोगी से मिले हैं और उनका बचाव कर रहे हैं। इस बात पर गिल्डा नाराज हुए और आपत्ति जताई। लेकिन सतीश चंद्र वर्मा अपनी बात पर अड़े रहे।
इस मामले में जब हमने महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वह सारे आरोप राज्य सरकार पर लगा गए थे। चूँकि वे कोर्ट में राज्य सरकार की पैरवी करते हैं लिहाजा उन पर व्यक्तिगत आरोपों का सवाल खड़ा नहीं होता।
गौरतलब है इससे पहले नंदकुमार साय और संत कुमार नेताम के वकील रक्षा अवस्थी ने भी गिल्डा के जरिए सरकार की जोगी परिवार से मिलीभगत का आरोप कोर्ट में दायर अपने केस में लगाया हुआ है।
हालांकि कोर्ट ने गिल्डा की दलील नहीं मानी और सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिया।