विक्रम मिश्र, लखनऊ. पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के साथ ही नया मसौदा तैयार करने के लिए परामर्शदाता की नियुक्ति का भी विरोध होना अब शुरू होगा. बिजली कर्मचारी संगठनों ने इसका ऐलान कर दिया है. अब कर्मचारी परामर्शदाता की बिडिंग प्रक्रिया (बोली लगाने की प्रक्रिया) शुरू होने पर काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे.

पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी ने कहा कि ट्रांजिक्शन एडवाइजर तैनात किया जाएगा. जो परामर्शदाता की भूमिका में होगा. जो कि करोड़ों के टर्नओवर वाली कंपनियों से आएगा और वो आम उपभोक्ताओं की हितों को सुनिश्चित नहीं करेगा. उन्होंने बताया कि विद्युत कर्मचारी स्नायुक्त संघर्ष समिति की ओर से प्रतापगढ़ और प्रयागराज में आम सभाएं कर विद्युत वितरण के निजीकरण के विरोध में जनजागरण चलाया जाएगा.

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सदन में भी गूंजा था मुद्दा

बता दें कि विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का लगातार विरोध हो रहा है. कर्मचारी संघ तो इसका विरोध कर ही रहा है. वहीं इसकी गूंज सदन में भी उठी है. हाल ही में हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी ये मुद्दा उठा था. कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने बिजली के निजीकरण पर यूपी सरकार को घेरते हुए इसे उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी साजिश करार दिया था.

प्रदेशभर में कर्मचारियों का प्रदर्शन

इससे पहले बीते 7 दिसंबर को भी निजीकरण के विरोध में प्रदेशभर के निगम मुख्यालयों, उपकेंद्रों, उत्पादन इकाइयों पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था. सभाओं का आयोजन किया था. जिसमें पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने अपना विरोध दर्ज कराया था. दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने को लेकर कर्मचारियों के विरोध की भनक प्रबंधन को लग गई थी. जिसे देखते हुए डिस्कॉम प्रबंधन ने किसी भी तरह की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बाधित नहीं होने देने के लिए जगह-जगह कंट्रोल रूम बनाए थे. इसके अलावा बिजली कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थी.