सनातन धर्म में व्रत-उपवास का बेहद महत्व होता है. भगवान शिव को खुश करने के लिए ज्यादातर लोग सोमवार का व्रत रखते हैं. पुरुष अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए व्रत रखते हैं. वहीं, कुंवारी लड़कियां मनपसंद जीवनसाथी पाने के लिए और सुहागिन महिलाएं सदा सौभाग्य रहने की कामना के साथ व्रत का पालन करती हैं. कहा जाता है कि देवताओं में भगवान शिव ही एक ऐसे देव हैं, जिन्हें प्रसन्न करना सबसे आसान है.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग नियमित पूजा-पाठ के साथ जल और दूध का अभिषेक करते हैं. लेकिन इस दौरान कई लोग अभिषेक करते समय कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है. शास्त्रों के अनुसार, पीतल या चांदी के बर्तन से शिवलिंग पर दूध चढ़ाना सबसे उत्तम होता है. पीतल के बर्तन सेहत की दृष्टि से भी अच्छे माने गए हैं. अब सवाल है कि आखिर भगवान शिव को अभिषेक करने में पीतल या चांदी का बर्तन ही उत्तम क्यों? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं. Read More – द कश्मीर फाइल्स के बाद अब विवेक अग्निहोत्री लाने वाले हैं नई फिल्म Parva, कहानी महाभारत पर होगी आधारित …
चंद्र और शुक्र ग्रह का धातु है चांदी
वास्तु में चांदी के बर्तनों को बेहद शुभ माना गया है. इसके प्रयोग से घर पर सुख-समृद्धि आती है. वहीं, भगवान शिव को चांदी के बर्तन में दूध का अभिषेक करना उपयोगी माना गया है. इस बर्तन का उपयोग पूजा-पाठ, शादी-विवाह, लेन-देन जैसे कई अवसरों पर भी किया जा सकता है. दरअसल, चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से होता है, इसलिए चांदी धातु के प्रयोग से कुंडली में चंद्रमा और शुक्र ग्रह भी मजबूत होते हैं.
सुख-समृद्धि से जुड़े हैं चांदी-पीतल के बर्तन
सभी धातुओं में पीतल और चांदी को सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है. इसका दोनों बर्तनों का उपयोग पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठानों में सबसे ज्यादा किया जाता है. धार्मिक शास्त्र और ज्योतिष में भी पीतल और चांदी के बर्तनों को पूजा के लिए सबसे उत्तम बताया गया है. पीतल या चांदी के बर्तन में भगवान शिव को दूध चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वर देते हैं. इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है. Read More – छत्तीसगढ़ में माता के इस चमत्कारिक मंदिर में मिर्च से होता है हवन, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह …
चांदी के बर्तन से जुड़ा है जीवन का सौभाग्य
घर पर स्टील, पीतल और कांच आदि कई तरह के बर्तन होते हैं. लेकिन घर पर चांदी के बर्तन होना बेहद शुभ माना जाता है. यदि आप खाने-पीने के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग नहीं कर सकते तो भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग जरूर करें. पूजा के मंदिर में चांदी का दीपक, कटोरी, घंटी, आमचनी और कलश होना शुभ होता है. इससे घर पर सुख-संपन्नता आती है.
भगवान शिव की पूजा में वर्जित हैं ऐसे बर्तन
भगवान शिव को दूध का अभिषेक करने के लिए चांदी और पीतल का बर्तन सबसे उपयोगी माना जाता है. इसके अलावा आप चाहें तो तांबा और कांसे के बर्तनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन भूलकर भी लोहे, एल्युमिनियम या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. दरअसल, इन धातु के बर्तन का उपयोग करने से दूध मंदिरा के समान माना जाता है. इससे जीवन में दुष्प्रभाव पड़ सकता है. बनते कार्य में बाधा आ सकती है. जीवन की तरक्की भी रुक सकती है.
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