रायपुर। आयुष विश्वविद्यालय का एक नया कारनामा सामने आया है. प्रदेश में इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त 91 कॉलेज हैं, लेकिन आयुष ने बीएससी नर्सिग में प्रवेश के लिए 94 कॉलेजों को काउंसलिंग में शामिल कर लिया.
जिन 3 कॉलजों को शामिल किया गया है, उन्हें इंडियन नर्सिंग काउंसिल से अभी तक संबद्धता ही प्राप्त नहीं हुई है. इसके बावजूद गलत तरीके से उन कॉलेजों को आयुष ने न सिर्फ मान्यता दे दी है, बल्कि उन कॉलेजों को काउंसलिंग में शामिल कर छात्रों के भविष्य को भी दांव पर लगा दिया है.
जानकारों की मानें तो यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है. ऐसे में यह उन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा, जो इन तीन कॉलेजों में प्रवेश ले रहे हैं. जिन 3 कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता दी गई है उनमें 2 बिलासपुर और 1 राजधानी रायपुर का बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इन तीनों कॉलेजों द्वारा इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों पर खरे नहीं उतरे जिसकी वजह से उन्हें आईएनसी से मान्यता नहीं दी गई है.
आयुष द्वारा बीएससी नर्सिंग और एएनएम में प्रवेश के लिए 13 और 14 नवंबर को रजिस्ट्रेशन किया गया जिसमें हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए हैं. बुधवार 15 नवंबर से सीट अलाटमेंट की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है.
उधर अवैध तरीके से काउंसलिंग में शामिल किए गए कॉलेजों के विरोध में नर्सिंग कालेज यूनियन ने आयुष को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने संचालक आयुष को यह याद दिलाया है कि आयुष द्वारा संबद्धता इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंड के आधार पर ही दी जाती है. यूनियन ने इन तीनों कालेजों को तत्काल प्रभाव से काउंसलिंग से बाहर किए जाने की मांग की है.
सूत्रों के मुताबिक काउंसलिंग में ऐसे कई कॉलेजों को भी शामिल कर लिया गया है जिन्होंने काउंसलिंग के लिए कोई फार्मेल्टी पूरी नहीं की है. इस मामले में जब आयुष के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.