रायपुर. विवेकानंद विद्यापीठ रायपुर की ओर से संचालित विवेकानंद मानव प्रकर्ष संस्थान ने एक दिवसीय योग प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्ञानेश शर्मा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ योग आयोग, रायपुर रहे. उन्होंने कहा कि आज के इस भौतिकवादी युग में व्यक्ति ने तेजी से विकास किया है, परंतु स्वास्थ्य के क्षेत्र में गिरावट आई है, इसलिए इसमें योग की महत्ता बढ़ जाती है. योग को आत्मसात किए बगैर स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती.
योग का मतलब युक्त होना: स्वामी सेवाव्रतानंद
अध्यक्षता स्वामी सेवाव्रतानंद सचिव रामकृष्ण मिशन, बिलासपुर ने की. उन्होंने कहा कि योग का मतलब युक्त होना है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद द्वारा बताए गए चार सूत्रों-ज्ञान, कर्म, भक्ति और वैराग्य का वर्णन किया. कार्यक्रम का संचालन विभिन्न तीन सत्रों में किया गया. प्रथम सत्र में छत्तीसगढ़ योग आयोग की मुख्य योग प्रशिक्षिका ज्योति साहू ने प्रतिभागियों के समक्ष विभिन्न समूहों के आसन करके अभ्यास कराया. द्वितीय सत्र में रविशंकर साहू सहायक प्राध्यापक, विवेकानंद इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन एक्सिलेंस, विवेकानंद विद्यापीठ, रायपुर ने सूर्यभेदन, भ्रामरी, भस्त्रिका, शीतली प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति का अभ्यास प्रशिक्षार्थियों को कराया.
योग की उत्पत्ति की दी जानकारी
उद्घाटन सत्र में प्रारंभिक उद्बोधन विवेकानंद मानव प्रकर्ष संस्थान के निदेशक डॉ. ओमप्रकाश वर्मा ने दिया. डॉ. वर्मा ने योग की उत्पत्ति के संबंध में बताया कि योग अत्यंत प्राचीन है तथा सृृष्टि के प्रारंभ से ही प्रचारित है. उन्होंने कहा कि श्रीमद् भगवत गीता में कृष्ण जी ने योग की महत्ता बताते हुए कहा है कि जो व्यक्ति योग की साधना करते हैं उनमें राजेश्वर्य आ जाता है. कृष्ण ने योग का ज्ञान सर्वप्रथम सूर्यदेव को दिया, फिर राजा इक्ष्वाकू तथा उनके वंशजों द्वारा वह जनसामान्य में प्रसारित होता गया.
मन को एकाग्र करने की प्रक्रिया है योग
डाॅ. वर्मा ने कहा कि उपनिषदों, श्रीमद्भगवत गीता तथा अन्य पुराणों में योग संबंधी साहित्य व सिद्धांत दिए गए हैं, जिसका महर्षि पतंजली ने अध्ययन व संकलन कर योग सूत्रों की रचना की. उन्होंने कहा कि योग, व्यक्ति को समाज के लिए योग्य बनाता है. योग चित्त को एकाग्र करने की प्रक्रिया है. उन्होंने आसन प्राणायाम के साथ-साथ संयमित दिनचर्या का पालन करने की भी बात कही.
कार्यक्रम में ध्यान का कराया अभ्यास
तृतीय सत्र में डॉ. केवल राम चक्रधारी विभागाध्यक्ष, योग विभाग, श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, रायपुर ने ध्यान का अभ्यास कराया. कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी तिवारी ने किया. कार्यक्रम में डॉ. समीर ठाकुर, डॉ. राजेश दुबे, वीरेन्द्र वर्मा, एचडी प्रसाद, मनोज यादव सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए 210 प्रतिभागियो ने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी दी.
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