Wolf terror in UP: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बहराइच (Bahraich Wolf Attacks) जिले में बीते कुछ दिनों से डर का माहौल बना हुआ है. इसके पीछे न तो कोई बाहुबली है और न कोई सीरियल किलर (Serial Killer) है. बल्कि लोगों के इस खौफ के कारण है भेड़िये, जी हां… जंगलों में रहने वाले भेड़िये, जो अब गांवों में घुस चुके हैं. चार भेड़ियों का एक ग्रुप अलग है और 2-3 भेड़िये अलग-अलग घूम रहे हैं.
ये भेड़िए अब उत्तर प्रदेश में खौफ का पर्याय बन चुके हैं. भेड़ियों का आंतक इस कदर छाया हुआ है कि बीते रोज बीजेपी विधायक समेत पूरे गांव के लोगों को बदूंक लेकर उतरना पड़ा, जिसके बाद मामला सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ तक बात पहुंची. जिसके बाद सीएम योगी ने अधिकारियों को तलब किया. अबतक भेडियों ने 9-10 लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भेड़िया को सबसे बुद्धिजीवी जानवरों की श्रेणी में क्यों रखा गया है? अगर नहीं… तो आइए हम बताते हैं…!
बुद्धिजीवी जानवरों की श्रेणी में भेड़िया
भेड़िया को बुद्धिजीवी जानवरों की श्रेणी में रखा गया है. ये काफी चालांक होते हैं. ढूंढ के बदला लेते हैं. ये ज्यादातर झुंड में ही रहते हैं. जंगली जंतुओं का शिकार करते हैं और इंसानों पर हमला करने से बचते हैं. लेकिन इनकी बदला लेने की भावना काफी प्रबल होती है. यदि गलती से भी किसी ने झुंड के बच्चों को मारा तो नर मुखिया नाराज हो जाता है और हमले करता है. माना जा रहा है कि बहराइच में भी ऐसा ही हुआ होगा. किसी ने इसके बच्चे को हानि पहुंचाई होगी. जिसके बाद ये उग्र हो गए. बदले की भावना से लगातार हमले कर रहे हैं.
भेड़ियों की 38 से अधिक उपप्रजातियां
किसी ज़माने में भेड़िये पूरे यूरेशिया, उत्तर अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में पाए जाते थे लेकिन मनुष्यों की आबादी में बढ़ोत्तरी के साथ अब इनका क्ष्रेत्र पहले से बहुत कम हो गया है. जब भेड़ियों और कुत्तों पर अनुवांशिकी अध्ययन किया गया तो पाया गया के कुत्तों की नस्ल भेड़ियों से ही निकली हुई हैं, यानि दसियों हज़ार वर्ष पहले प्राचीन मनुष्यों ने कुछ भेड़ियों को पालतू बना लिया था, जिनसे कुत्तों के वंश की शुरुआत हुई. वर्त्तमान में इनकी 38 उपप्रजातियां ज्ञात हैं.
भेड़िया कैसे करता है शिकार?
जानकारों का मानना है कि भेड़िया अपने इलाके में टॉप का शिकारी होता है. इंसानों और शेरों को छोड़ दिया जाए तो और से इन्हें चुनौती नहीं मिलती. भेड़ियों का शिकार करने का तरीक़ा सामाजिक होता है. यह अकेले शिकार नहीं करते, बल्कि गिरोह में शिकार करते हैं. इनकी चाल 55-70 किमी/घंटा होती है. भेड़िया 5 मीटर (16 फीट) छलांग लगा सकता है और कम से कम 20 मिनट तक तेजी से पीछा कर सकता है.
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