अमित पांडेय, खैरागढ़। जिले के बकरकट्टा के जंगल में मंगलवार दोपहर लकड़ी लेने गई एक महिला पर अचानक भालू और उसके दो शावकों ने हमला कर दिया। हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। ग्रामीणों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इस घटना ने इलाके में दहशत फैला दी है।
बताएं कि संझारी गांव की 40 वर्षीय सुरजौतीन बाई रोज की तरह लकड़ी लेने जंगल गई थीं। तभी गाताभरी-बकरकट्टा इलाके की झाड़ियों से भालू और उसके शावक निकल आए और उन पर टूट पड़े। महिला के सिर, हाथ और पैरों में गहरे जख्म हुए। उनकी चीख सुनकर पास के ग्रामीण दौड़े और जान जोखिम में डालकर भालू को खदेड़ा।
घायल महिला को पहले बकरकट्टा स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें छुईखदान अस्पताल रेफर कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। यहां अक्सर भालू और अन्य जंगली जानवर गांवों में घुस आते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की गश्त और सुरक्षा इंतज़ाम केवल कागजों तक सीमित हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते ठोस कदम उठाए जाते तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था।
क्यों बढ़ रहे हैं भालू के हमले?
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के लगातार कटने और प्राकृतिक भोजन की कमी के कारण भालू इंसानी बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। खेतों और गांवों के आसपास पड़ा कचरा और खुले में रखा अनाज भी उन्हें आकर्षित करता है।
लेकिन वन विभाग ने न तो चेतावनी व्यवस्था बनाई है और न ही त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूत टीम तैयार की है। इस लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर भुगतना पड़ रहा है।
ग्रामीण अब प्रशासन और वन विभाग से मांग कर रहे हैं कि बकरकट्टा और जिले के तमाम वनांचल के गांवों में सुरक्षा बढ़ाई जाए और इंसान व जंगली जानवरों के बीच टकराव को रोकने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
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