सुंदरगढ़, सुंदरगढ़ से बचाई गईं इन दो महिलाओं की कहानी आपको हैरान कर सकती है. प्रारंभिक जानकारी से ये पता चला था कि दोनों महिलाओं की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. लेकिन इसके पिछे का कारण पता नहीं चल पाया था. पीड़ित लड़की अभी भी सदमे से बाहर नहीं आ पाई है. लेकिन, उनकी माँ ने साहस जुटाकर अपने उपर हुए यौन उत्पीड़न के बारे में खुलासा किया है.
कई बार हुआ है बलात्कार
महिला ने बताया कि उनकी तीन बेटियां हैं और उनका परिवार झारखंड के एक गांव का रहने वाला है. पति की मौत के बाद महिला अपनी तीन बेटियों और एक बेटे के साथ गांव में रहती थी. लेकिन, पती के गुजरने के बाद गांव के युवक की उनके परिवार पर गंदी नजर थी. उनके लाचारी का फायदा उठाकर युवक कई दिनों तक उनके और उनकी बेटियों के साथ बार-बार बलात्कार करता रहा. इस मानसिक और शारीरिक यातना सहन करने में असमर्थ दोनों मां-बेटी गांव से भागने में कामियाब रहीं और चलते चलते ही ओडिशा पहुंच गई.
पुलिस ने शुरु की जांच
सुंदरगढ़ विधायक कुसुम टेटे द्वारा बचाई गई महिला और उसकी बेटी के साथ कई बार बलात्कार होने की बात उनके मिडिकल रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है. दोनों महिलाएं अब सेल्टर होम में सुरक्षित हैं और दोनों को उचित इलाज मुहैया कराया जा रहा है. इस संबंध में पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी गई है.
बता दें कि दोनों महिलाओं में से एक की उम्र 27 साल बताई जा रही है, जबकि दूसरे की उम्र करीब 45 साल होगी. शुक्रवार को कुसुम टेटे ने दोनों महिलाओं को रास्ते पर नंगे घुमते हुए देख कर दोनों को अपना उत्तरिय ओढ़ाकर अपने साथ ले गई थी. बाद में थाने में जानकारी देने के बाद दोनों महिलाओं को सेल्टर में छोड़ा गया था. एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने सेल्टर हाउस में दोनों महिलाओं का बयान दर्ज कराया है. इस मामले में दोनों महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है. इसके अलावा दोनों के स्वास्थ्य अवस्था पर भी नजर रखी जा रही है.
महिलाएं और बच्चे बनते हैं आसान निशाना
इस जघन्य घटना पर बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा ने कहा, “ऐसे समय में जब हम चंद्रमा पर पहुंच गए हैं, इस तरह की घटनाएं मानवता के लिए एक कलंक है. अधिकतर दलित और पिछड़े लोग विभिन्न कारणों से ऐसी क्रूर घटनाओं से गुजरते हैं. महिलाएं और बच्चे ज्यादातर राजनीति, दंगों या युद्ध के कारण आसान निशाना होते हैं.”
मदद के बजाय लोगों ने बनाया वीडियो
चड्ढा ने कहा “अधिक चौंकाने वाली बात यह थी कि किसी ने भी माँ-बेटी की जोड़ी को मदद की पेशकश नहीं की, जबकि वे नग्न अवस्था में घूम रही थीं. इससे पता चलता है कि एक समाज के तौर पर हम कितने अमानवीय हो गए हैं. मदद की बजाय लोग उनकी तस्वीरें खींचने और वीडियो बनाने में व्यस्त थे. हम सोशल मीडिया साइटों पर आधुनिक होने का दावा करते हैं लेकिन हमने अपने अंदर इंसानियत को खो दी है. उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने दोनों पीड़ितों की रिकॉर्डिंग की है.”