अनिल मालवीय, सीहोर। इछावर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अमाझिर गांव में एक जमीन विवाद ने दुखद रूप ले लिया। जिसके चलते एक 50 वर्षीय महिला की सदमे से मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाया है कि स्थानीय सरपंच और प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर यह घटना की है, जिससे महिला की जान चली गई।
मृतिका के भतीजे धरम वर्मा ने कहा कि सरपंच देवराज, उसके भाई हरिराम और चाचा प्रेम सिंह ने जबरन उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। जब परिवार ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने कथित तौर पर एसडीएम के कहने पर पुलिस का इस्तेमाल किया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने स्वर्गीय महिला के पति देवनारायण और उनके बेटे अनिल वर्मा को नौ दिनों तक गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखा। जबकि उनका जमीन से कोई लेना-देना नहीं था, वे सिर्फ पड़ोस में रहते थे। इस घटना से महिला को गहरा सदमा लगा।
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मृतिका के भतीजे धरम वर्मा ने बताया कि जिस दिन उसके फूफा को पुलिस उठा ले गई, उसी दिन से बुआ तनाव में थी। पुलिस रोजाना उनको धमकाने घर आती थी। इसकी शिकायत 181 पर भी की थी, लेकिन राजनीतिक दबाव डाला गया और शिकायत वापिस लेने के लिए कहा। जिससे बुआ अचानक सदमे में चिल्लाते हुए खाट से ‘मेरे पति को बचाओ’ कहते हुए भागी और तभी उनकी मौत हो गई।
पीड़ित परिवार ने बताया कि यह जमीन उनके पिताजी और मृतका के पति के नाम पर रजिस्टर्ड है। इसके बावजूद उन्हें सत्ता के दुरुपयोग का शिकार होना पड़ा। परिवार ने सरपंच, उसके रिश्तेदारों और प्रशासन को महिला की मौत का मुख्य जिम्मेदार ठहराया है और न्याय की मांग की है।
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